न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में धीमी बल्लेबाजी की वजह से कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी की क्षमता पर सवाल उठाया था और कहा था कि उनकी टी20 टीम में जगह नहीं बनती है। इसके बाद भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने धोनी का बचाव किया और कहा कि वो काफी बेहतरीन खिलाड़ी हैं। अब धोनी ने भी इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है और कहा कि सबकी अपनी व्यक्तिगत राय होती है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। दुबई में अपनी एकेडमी के लॉन्च के मौके पर उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि वो अपनी सभी आलोचनाओं को रचनात्मक तरीके से लेते हैं।
धोनी ने कहा ' सबका अपना नजरिया होता है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। मुझे हमेशा से यही लगता है कि खेल से आपको जीवन की काफी सारी चीजें सीखने को मिलती हैं। कैसे आप निराशा से उबरते हैं, मैच जीतने या हारने के बाद कैसे आप लोगों का सामना करता हैं। उसी तरह कैसे आप आलोचनाओं का सामना करते हैं और आप कैसे सीखते हैं और अपने आप में सुधार लाते हैं'। एक सवाल के जवाब पर धोनी ने आगे कहा कि देश के लिए खेलना मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है। हम केवल कुछ समय के लिए क्रिकेट खेलते हैं, हम एक साल से लेकर 15 या 20 साल तक क्रिकेट खेलते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि मैं अपने देश के लिए खेल रहा हूं। मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा भारतीय टीम का हिस्सा होना है। मेरा हमेशा से यही मानना है कि परिणाम से ज्यादा प्रक्रिया मायने रखती है। मैं कभी परिणाम के बारे में नहीं सोचता। मैं बस इतना जानता हूं कि उस समय क्या करना सही रहेगा। जब आप अपना 100 प्रतिशत देते हैं तो आपको खुशी मिलती है, भले ही उसका परिणाम कुछ भी हो। गौरतलब है न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20- मैच में धोनी की धीमी बल्लेबाजी की वजह से आवश्यक रन रेट बढ़ता चला गया और भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।