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पहले टेस्ट में नाकाम रहने के बाद पुजारा ने अगले तीन टेस्टर मैचों में इसकी शानदार अंदाज में भरपाई की। इस सीरीज में चेतेश्वर पुजारा ने अपने धैर्य का परिचय देते हुए बताया कि क्यों उनकी तुलना मिस्टर रिलायबल राहुल द्रविड़ से की जाती है। पुजारा ने बेंगलुरू टेस्ट की दूसरी पारी में 92 रन बनाकर मैच का रुख टीम इंडिया के हक में मोड़ने में अहम योगदान दिया। उन्होंने सीरीज के चार मैचों में 57.85 के प्रभावी औसत से 405 रन बनाए। जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। जो उन्होंने रांची टेस्ट में लगाया था।
Edited by Staff Editor