KSCA dropped Manish Pandey: भारतीय घरेलू क्रिकेट का सीजन जारी है। मौजूदा समय में टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी हो रहा है, जबकि इसके बाद 21 दिसंबर से वनडे फॉर्मेट का प्रमुख टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजन होगा। इस टूर्नामेंट के लिए कर्नाटक ने अपने संभावित खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी है लेकिन इसमें अपनी घरेलू टीम के प्रमुख बल्लेबाज और कप्तान रह चुके मनीष पांडे का नाम शामिल नहीं है। कयास लगाए जा रहे थे कि क्या 35 वर्षीय मनीष को ड्रॉप कर कर्नाटक ने उनसे आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है और अब इसकी पुष्टि हो गई है। कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के अध्यक्ष जे. अभिराम ने साफ कर दिया है कि अब युवा खिलाड़ियों को मौका देने का समय आ गया है।
स्पोर्टस्टार से बात करते हुए जे. अभिराम ने कहा कि मनीष का करियर शानदार रहा है; इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन किसी न किसी स्तर पर आपको युवाओं के लिए रास्ता बनाना होगा। हमारे पास कुछ युवा बल्लेबाज हैं जैसे प्रखर चतुर्वेदी, अनीश्वर गौतम, केवी अनीश। उन्हें जितने अधिक मौके मिलेंगे, उतना अच्छा है कि पांडे रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण के लिए वापस नहीं आएंगे। हमारे पास के.वी. अनीश रिजर्व में हैं और उन्हें मौका मिलना चाहिए। अब यह युवाओं पर निर्भर है कि वे सभी मौकों का पूरा उपयोग करें।
IPL में शतक लगाने वाले पहले भारतीय
आईपीएल में अब तक ढेर सारे शतक देखने को मिल चुके हैं और इस दौरान कुछ बल्लेबाजों ने अकेले ही पांच या उससे ज्यादा सेंचुरी बनाई हैं। वहीं इस लीग में भारत की तरफ से सबसे पहला शतक मनीष पांडे के बल्ले से आया था। उन्होंने साल 2009 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेलते हुए डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 73 गेंदों में 114 रन की नाबाद पारी खेली थी। उनकी पारी में दस चौके और चार जबरदस्त छक्के शामिल रहे थे। मैच में आरसीबी ने 170/4 का स्कोर बनाया था, जिसके जवाब में डेक्कन चार्जर्स 158/6 का ही स्कोर बना पाई थी।
आईपीएल 2025 में भी मनीष पांडे खेलते नजर आएंगे। उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स ने 75 लाख के बेस प्राइस में खरीदा है। ऐसे में उनके पास बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करते हुए वापसी की हुंकार भरने का मौका होगा। मनीष काफी समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं और उन्हें अब घरेलू टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया है। ऐसे में उनके पास आखिरी मौका आईपीएल ही है। अगर इसमें कमाल नहीं दिखा पाए तो फिर उनके सामने संन्यास ही आखिरी रास्ता होगा।