IPL 2018: मनीष पांडे क्यों बन सकते हैं कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान ?

आईपीएल 2018 की नीलामी से पहले खिलाड़ियों को रिटेन करने के मिले मौके पर गौतम गंभीर को रिटेन नहीं कर कोलकाता नाइटराइडर्स ने सभी को चौंका दिया। उस समय से ही सवाल उठ रहा है कि अब आईपीएल में केकेआर की कमान किसके हाथों में होगी क्योंकि टीम ने जिन दो खिलाड़ियों को रिटेन किया है उनके पास कप्तानी का कोई अनुभव नहीं है। एक ऐसा भी खिलाड़ी है जो पिछले काफी समय से शाहरुख़ खान की टीम के लिए खेल रहा है लेकिन उसे रिटेन नहीं किया गया इसके बावजूद सभी को पता है कि टीम के अभी तीन आरटीएम कार्ड हैं और जिसमें एक इस खिलाड़ी पर लगना लगभग तय है। इस खिलाड़ी का नाम है मनीष पांडे और हो सकता है टीम प्रबंधन उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी भी सौंपे। मनीष पांडे के पास आईपीएल का काफी अनुभव है। पहले आईपीएल में वह मुंबई इंडियंस के साथ थे उसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए भी खेल चुके हैं। उसके बाद 2014 की नीलामी में केकेआर ने उन्हें खरीदा और उसके बाद से वह लगातार टीम का हिस्सा बने हुए हैं। केकेआर की तरफ से खेलते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियां खेली है और वह बल्लेबाजी में टीम के मध्यक्रम की रीढ़ हैं। केकेआर के लिए उनकी सबसे यादगार पारी आईपीएल 2014 के फाइनल मुकाबले में आई थी जब किंग्स XI पंजाब के खिलाफ उन्होंने 94 रन बनाकर टीम को दूसरी बार विजेता बनने में मदद की। इसके साथ ही वह भारतीय एकदिवसीय और टी20 टीम के नियमित सदस्य हैं। सबसे बड़ी बात जो उनके पक्ष में जाती है वह है उनकी उम्र। पाण्डेय अभी 28 साल के हैं और कभी उनका आधा करियर भी समाप्त नहीं हुआ है। क्रिकेट में कहा जाता है कि बल्लेबाज का सबसे बेहतर प्रदर्शन 28 से 32 साल की उम्र के बीच करता है। इसका मतलब है कि इस बल्लेबाज का सबसे बेहतर प्रदर्शन अभी आना बाकी है। मनीष पांडे कोलकाता की फ्रेंचाईजी के साथ 4 आईपीएल सत्रों से हैं और इसी वजह से फ्रेंचाईजी के साथ उनका तालमेल भी बेहतर है। उनके लिए कप्तानी करना कोई नई बात भी नहीं। कुछ समय पहले ही भारत ‘ए’, दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ और अफगानिस्तान ‘ए’ के बीच दक्षिण अफ्रीका में हुए त्रिकोणीय श्रृंखला में वह भारत ‘ए’ के कप्तान थे और टीम वहां विजेता रही थी। पांडे ने उस सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक 307 रन बनाये थे। इसे भी पढ़ें: IPL 2018: नियम सहित नीलामी की पूरी जानकारी उम्मीद की जा रही है कि केकेआर बचे हुए 2 आरटीएम का इस्तेमाल रॉबिन उथप्पा और कुलदीप यादव पर कर सकती है और आंद्रे रसेल और सुनील नरेन को टीम पहले ही रिटेन कर चुकी है। इस तरह टीम अपने प्रमुख खिलाड़ियों को अपने साथ बरकरार रखने में सफल हो जाएगी। 2011 और 2014 की नीलामी के बाद टीम में कई बदलाव हुए थे लेकिन टीम के प्रदर्शन में कोई खास असर नहीं पड़ा। उथप्पा के रूप में केकेआर के पास कप्तान के लिए एक अन्य विकल्प भी मौजूद है लेकिन उन्होंने पिछले दो सालों से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है और यह बात उनके खिलाफ जाती है। केकेआर की टीम पिछले 2 आईपीएल से प्ले ऑफ तक तो पहुँच रही है लेकिन फाइनल में पहुँचने में असफल रही है। इसलिए अगर मनीष पांडे कप्तान बनते हैं तो उनके उपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वह टीम को 2014 की तरह आईपीएल ट्रॉफी उठाने में मदद करें। लेखक- अथर्व आप्टे अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

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