मेरिलिबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी (MCC) ने मांकडिंग आउट को कानूनी करार दिया है। एमसीसी के नए नियम के मुताबिक अगर गेंदबाज किसी बल्लेबाज को मांकडिंग के जरिए आउट करता है तो वो नियमों के हिसाब से सही होगा। इससे पहले इसे नियम 41 के अंतर्गत लाया जाता था और तब इसे फेयर प्ले नहीं माना जाता था। हालांकि अब इसे नियम 38 में शामिल कर लिया गया है जो एक नॉर्मल रन आउट का नियम है।
दरअसल आईपीएल में रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज जोस बटलर को मांकडिंग के जरिए ही आउट कर दिया था। इसके बाद वर्ल्ड क्रिकेट में काफी बवाल मचा था। कई सारे दिग्गजों ने अश्विन की आलोचना की थी और इसे खेल भावना के विपरीत बताया था। वहीं अश्विन का कहना था कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया था जो नियमों के खिलाफ हो।
एमसीसी के लॉ मैनेजर फ्रेसर स्टीवर्ड ने इस बारे में बड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
2017 में क्रिकेट के नियमों को लेकर जो कोड पब्लिश हुआ था उसके बाद तबसे लेकर अभी तक गेम में काफी बदलाव आ गया है। उस कोड का दूसरा संस्करण 2019 में पब्लिश हुआ था। हालांकि उसमें ज्यादातर स्पष्टीकरण और छोटे-छोटे बदलाव थे लेकिन 2022 के कोड में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जिस तरह से हम क्रिकेट के बारे में बात करते हैं उससे लेकर किस तरह से इसे हम खेलते हैं, उसको लेकर तक है।
एमसीसी के बयान में गेंद पर सलीवा के बैन के बारे में भी बताया गया। नए नियमों के मुताबिक गेंद पर सलाइवा लगाना पूरी तरह से गलत है। अगर कोई प्लेयर ऐसा करता है तो इसे गेंद से छेड़छाड़ की श्रेणी में रखा जाएगा और नियमों के हिसाब से गलत माना जाएगा। अब फील्डर सलाइवा का प्रयोग बिल्कुल नहीं कर सकेंगे।
इसके अलावा कैच आउट होने के बाद क्रीज पर जो नया बल्लेबाज आएगा वही स्ट्राइक लेगा। भले ही पिछला बल्लेबाज फील्डर के कैच लेने से पहले स्ट्राइक चेंज कर चुका हो। अब ये आईसीसी और नेशनल क्रिकेट एसोसिएशंस के ऊपर है कि वो इन बदलावों को स्वीकार करते हैं या नहीं।