रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के मौजूदा सीजन का फाइनल मुकाबला बंगाल और सौराष्ट्र के बीच 16 फरवरी से कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जायेगा। इस मुकाबले से पहले एक अहम फैसला लिया गया है और फाइनल में डीआरएस के इस्तेमाल की बात कही गई है, जो हमें लीग चरण से लेकर सेमीफाइनल के मुकाबलों में देखने को नहीं मिला था। बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने इस फैसले की प्रशंसा की है और कुछ अहम बातों का जिक्र भी किया है।
यह पहली बार है जब रणजी ट्रॉफी फाइनल में डीआरएस लागू किया जाएगा और दोनों टीमों को प्रत्येक पारी में तीन रिव्यु मिलेंगे। मध्य प्रदेश और मुंबई के बीच पिछले सीजन का फाइनल गलत फैसलों की वजह से विवादों में रहा था, इसी वजह से इस बार डीआरएस के इस्तेमाल का फैसला किया गया है।
मंगलवार को बातचीत के दौरान, तिवारी ने कहा:
यह अच्छी खबर है कि इसे (डीआरएस) फाइनल में लागू किया जा रहा है। मुझे लगता है कि यह उन सभी मैचों में होना चाहिए जो लाइव टेलीकास्ट किए जा रहे हैं। सभी टीमें लीग चरण से होकर आती हैं और हमने कई गलतियां देखी हैं। अच्छा होगा कि सभी लाइव मैचों में डीआरएस हो। लेकिन हमारा ध्यान मैच पर है। मुझे उम्मीद है कि हमें डीआरएस से किसी तरह की मदद की जरूरत नहीं होगी और मैदानी अंपायर सही फैसले करेंगे। लेकिन हां, इससे बल्लेबाजों और गेंदबाजों को मौका मिलेगा।
संन्यास को लेकर भी मनोज तिवारी ने दी प्रतिक्रिया
मनोज तिवारी ने राजनीती में प्रवेश करने से पहले 2019-20 रणजी सीजन के पहले बंगाल की कप्तानी छोड़ दी थी। लेकिन बाद में उन्हें फिर से टीम का कप्तान बना दिया गया। टीम को मिली सफलता की वजह से तिवारी ने अपने संन्यास को लेकर एक बार फिर सोचना शुरू कर दिया है। इससे पहले उन्होंने कहा कि रणजी का ख़िताब जीतने के बाद वह संन्यास ले लेंगे।
बंगाल के कप्तान ने कहा,
हां, मैंने कहा था कि मैं रणजी ट्रॉफी उठाने के बाद संन्यास ले लूँगा लेकिन इतने मैच खेलने के बाद मेरे कई शुभचिंतक चाहते हैं कि मैं खेलना जारी रखूं। इसलिए मैंने अब संन्यास लेने के फैसले को टाल दिया है। फिलहाल फोकस फाइनल पर है। हम देखेंगे कि यह बाद में कैसे होता है।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने मौजूदा रणजी सीजन के नौ मैचों में 33.16 की औसत से 398 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से पांच अर्धशतक आये हैं।