मांकड़ आउट को लेकर अक्सर काफी विवाद होता रहता है। हालांकि एमसीसी की तरफ से इसे मान्यता मिली हुई है लेकिन जब भी कोई गेंदबाज किसी बल्लेबाज को मांकड़ आउट करता है तो फिर क्रिकेट जगत में एक नई बहस छिड़ जाती है। कई बार ऐसा हो चुका है। दीप्ति शर्मा ने जब इंग्लैंड की खिलाड़ी को रन आउट किया था तब भी काफी हो-हल्ला मचा था और हाल ही में एडम जैम्पा ने बीबीएल के दौरान ही ऐसा कुछ करने का प्रयास किया लेकिन अंपायर ने बल्लेबाज को आउट करार नहीं दिया।
एडम जैम्पा ने मेलबर्न रेनेगेड्स के बल्लेबाज टॉम रोजर्स को ‘मांकड’ तरीके से आउट करने की कोशिश की लेकिन वह टीवी अंपायर द्वारा खुद ही गलती करते हुए पकड़े गये जिससे इस ऑफ स्पिनर को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी। जम्पा अपना फॉलो थ्रू पूरा करने के बाद मैकेंजी हार्वे को गेंद फेंकने ही वाले थे कि वह पलटे और उन्होंने रोजर्स की गिल्लियां उड़ा दी आउट की अपील की लेकिन अंपायर ने जम्पा की अपील को टीवी अंपायर को रेफर कर दिया। थर्ड अंपायर ने कहा कि जम्पा की बांह गेंद रिलीज के समय ‘वर्टिकली’ ज्यादा आगे चली गई।
एमसीसी ने बयान जारी कर नियमों को स्पष्ट किया
अब एमसीसी ने एक बयान जारी कर चीजों को स्पष्ट किया है कि गेंदबाज किन परिस्थितियों में रन आउट कर सकता है। एमसीसी के मुताबिक एडम जैम्पा वाले मामले में अंपायर ने बल्लेबाज को नॉट आउट करार देकर सही फैसला लिया था। एमसीसी ने ये भी जोड़ा कि नियम की शब्दावली में कुछ संदेह था जिसके कारण ही संदेह हुआ होगा और अब नियम 38.3 के शब्दों में बदलाव से बेहतर स्पष्टता होगी।
आपको बता दें कि मांकड़ आउट सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया था, जब रविचंद्रन अश्विन ने आईपीएल में जोस बटलर को रन आउट कर दिया था। तब इसको लेकर काफी ज्यादा चर्चा होती थी।