क्रिकेट में बीमर का क्या मतलब है?

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क्रिकेट में बीमर का सही मतलब क्या है? आखिर क्यों यह अक्सर विवादों में रहता है? क्या आप जानते हैं कि एक बीमर गेंद बल्लेबाजों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है? क्रिकेट का खेल विविधताओं और अनिश्चिता से भरा है, क्रिकेट में कई अनूठे शब्दों का उपयोग किया जाता है, जो इसे अन्य सभी खेलों से पूरी तरह अलग करते हैं। क्रिकेट में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टंप्स, पिच, बेल्स और कई अन्य विशिष्ट शब्द किसी भी अन्य खेल में अनसुने हैं, जो इस खेल को और भी रोमांचक बनाते हैं। बीमर क्या है? यह एक उच्च फुल टॉस बॉल है, जब कोई बल्लेबाज क्रीज के अंदर खड़ा हो और गेंदबाज द्वारा एक सर्वोच्च फुल टॉस गेंद की जाए जो बल्लेबाज की कमर से ऊपर जाती हो तो इसे बीमर कहा जाता है। यह एक खतरनाक गेंद मानी जाती है, इससे बल्लेबाज को चोट भी लग सकती है क्योंकि कमर के ऊपर के अधिकांश हिस्सों को लचीला बनाए रखने के लिए उन्हें सही तरह से सुरक्षित नहीं किया जाता। इस तरह की गेंदें अंपायर द्वारा नो बॉल दे दी जाती हैं। ज्यादातर अवसरों पर यह हथेलियों के पसीने से गेंद गीली होने या ओस, आउटफ़ील्ड के कारण गेंद गीली होने से होता है। कभी-कभी डेथ ओवरों में गेंदबाज यॉर्कर करना चाहता है लेकिन नमी के कारण गेंद का मार्ग गलत भी हो सकता है, जिसका परिणाम बीमर होता है। प्रतिक्रिया 1 पहले के नियम के अनुसार इस तरह की गेंद के बाद अंपायर गेंदबाज को एक बार चेतावनी देता था। चेतावनी के बाद भी यदि गेेंदबाज समान पारी में एक और बीमर करता है, तो अंपायर शेष पारी के लिए उस गेंदबाद को गेंदबाजी से निलंबित कर देता था। यह नियम विवादों में रहा क्योंकि अगर गेंद गीली हो तो वह हाथों से फिसल सकती है। इस कारण हाल ही में नियमों में बदलाव किए गए जिसके परिणामस्वरूप बीमर के बाद अगली गेंद के लिए एक फ्री हिट दिया जाने लगा जो पहले नहीं था। हालांकि टेस्ट मैचों में अभी तक फ्री हिट की कोई ऐसी अवधारणा नहीं है। संभावित विवाद Australia v India - Commonwealth Bank Series 1st Final यह खेल का एक ऐसा पहलू है जो बहुत सारे विवाद पैदा करता है। कई घटनाएं हुई हैं जब एक बीमर ने गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच बदसूरत घटनाओं को जन्म दिया है। स्पिनर द्वारा की गई बीमर खतरनाक नही हो सकती, लेकिन तेज गेंदबाद द्वारा की गई बीमर घातक होती है क्योंकि बल्लेबाज के पास अपनी स्थिति बदलने और प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत कम समय होता है। प्रत्येक खतरनाक बीमर के बाद बल्लेबाज अकसर गुस्से में प्रतिक्रिया करते हैं, हालांकि गेंदबाज ज्यादातर अवसरों में माफी मांग लेते हैं। बीमर से जुड़ा सबसे हालिया विवाद आईसीसी विश्व कप 2015 के क्वार्टर फाइनल में हुआ था। भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ पहले बल्लेबाजी कर रही थी। भारत का स्कोर 40 वें ओवर में 195/3 था और रोहित शर्मा 90 पर बल्लेबाजी कर रहे थे। तभी रुबेल हुसैन ने रोहित को एक उच्च फुल टॉस बॉल की जिसे उसने स्क्वायर लेग की ओर हवा में मारा। क्षेत्ररक्षक ने कैच पकड़ लिया लेकिन अंपायर ने फैसला सुनाया कि बॉल कमर के ऊपर थी। इस कारण रोहित ऑउट होने से बच गए और अपने 137 रनों के योगदान से भारत को 302 के स्कोर तक पहुँचाया। और फिर भारत ने यह मैच 109 रन से जीत लिया। बीमर पर विवाद चलते रहते हैं ,यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे इसपर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं। ब्रेट ली ने एक बार सचिन तेंदुलकर को बीमर डाली लेकिन सच्चे सज्जन लिटिल मास्टर ने उनसे कुछ नहीं कहा और निष्‍पक्षतापूर्वक ब्रेट ली की माफ़ी स्वीकार कर हाथ मिलाया। यह हर समय नहीं होता है लेकिन क्रिकेट की खूबसूरती ही ऐसी है, जो हमें हर समय इस खेल में व्यस्त रखती है। लेखक: शुभम खरे अनुवादक: आशुतोष शर्मा

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