भारत-इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास में, दोनों टीमों ने हमें कुछ बेहद यादगार पल दिए हैं। ऐसे में यहां, हम भारत बनाम इंग्लैंड मैचों में लगे कुछ यादगार छक्को पर नज़र डाल रहे हैं। यह सभी छक्के मैच के हालत और समय को देखते हुए अपने आप में विशेष है। एंड्रयू कैडिक के खिलाफ सचिन तेंदुलकर का अद्भुत छक्का
गूगल पर सचिन तेंदुलकर के अविश्वसनीय छक्के खोजें और हर लेख में सचिन द्वारा एंड्रयू कैडिक के खिलाफ लगाये गये इस छक्के का जिक्र जरुर नज़र आएगा, जिसे उन्होंने 2003 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में मारा था। इससे पहले, कैडिक ने शार्ट पिच गेंदों के खिलाफ सचिन की क्षमता को चुनौती दी थी और सचिन ने इसका सबसे अच्छे तरीके से जवाब दिया था। यह कैडिक द्वारा लगभग एक परिपूर्ण डिलीवरी थी, जो कि ऑफ स्टंप के बाहर एक शार्ट लेंथ डिलीवरी थी। सचिन ने गेंदबाज के दिमाग को पढ़ा और खुद को डिलीवरी की लाइन में ले गये। उसके बाद उन्होंने छक्के के लिए डीप मिड विकेट पर गेंद जड़ दी। शॉट इतना शक्तिशाली था कि गेंद स्टेडियम से बाहर निकल गई। सचिन ने इस पारी में अपने करियर का एक और अर्धशतक बनाया, लेकिन यह पारी इस खूबसूरत छक्के के लिए क्रिकेट प्रशंसकों के दिल में बनी हुई है।
युवराज सिंह के खिलाफ दिमित्री मस्करेनहास के पांच छक्के
'सिक्सर किंग' युवराज सिंह ने क्रिकेट करीयर में कई शानदार परियां खेली है और कई विश्व स्तरीय गेंदबाजों को लम्बे लम्बे छक्के मारे हैं। लेकिन बहुत कम लोगो ने ही सोचा होगा कि युवराज को भी कोई उन्ही की तरह मार सकता है। भारत और इंग्लैंड नेटवेस्ट श्रृंखला के छठे ओडीआई में, जो 5 सितंबर 2007 को लंदन में हुआ था, जब इंग्लैंड की पारी के आखिरी ओवर में, युवराज को 8 वें नंबर के बल्लेबाज दिमित्री मस्करेनहास के प्रहार का सामना करना पड़ा। पहली गेंद एक डॉट रही। लेकिन युवराज को पता ही नहीं था कि क्या होने जा रहा था। अगली पांच गेंदों पर, दिमित्री ने युवराज के ओवर से पांच लंबे छक्के जड़े। युवराज ने 5 ओवरों में 59 रन दे दिए। बाद में मैच में, सचिन के 94 रनों ने भारत को जीत हासिल करने में मदद की लेकिन दिमित्री के पांच छक्के युवराज के प्रशंसकों को इस पारी को भूलने नहीं देते।
युवराज सिंह द्वारा एक ओवर 6 छक्के
दिमित्री मस्करेनहास द्वारा 5 छक्के जड़ने का बदला लेने के लिए युवराज ने बहुत ज्यादा समय नही लिया था। लेकिन इस बार, दुसरे छोर पर स्टुअर्ट ब्रॉड थे। ये पल 2007 टी 20 विश्व कप में आया था। स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर से पहले, एंड्रयू फ्लिंटॉफ और युवराज की आपस में बहस हुई, और नतीजा यह हुआ की युवराज का गुस्सा ब्रॉड की गेंदों पर निकला। इस बहस के बाद, युवराज अगले ओवर की प्रत्येक डिलीवरी पर छक्के लगाए। ब्रॉड ने वह सब कुछ करने की कोशिश की जो वह कर सकते थे, लेकिन उनके सभी प्रयास इस विश्व स्तरीय बल्लेबाज को रोकने में नाकाम रहे। युवराज ने उस मैच में 16 गेंदों पर 58 रन बनाए जिससे भारत को मैच जीतने और विश्व कप में जिंदा रहने में मदद मिली। युवराज के 6 छक्के अभी भी भारतीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा आकर्षक क्षणों में से एक है।
राहुल द्रविड़ द्वारा मारे गये लगातार 3 छक्के
हम कह सकते हैं कि लगातार 3 छक्के लगाना बड़ी उपलब्धि नहीं है। फिर भी यह पारी अलग है। जिनमे से एक कारण यह कि राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी की पहली और आखिरी अंतरराष्ट्रीय टी -20 पारी थी। यह पारी 31 अगस्त 2011 को आई जब भारत इंग्लैंड दौरे पर था। बहुत कम लोगों ने द्रविड़ जैसे रक्षात्मक शैली के बल्लेबाज से इसकी की उम्मीद की थी, (एक खिलाड़ी जिसने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा डिलीवरी का सामना किया था) लगातार तीन गेंदों उन्होंने मैदान के बाहर पहुँचाया। द्रविड़ का अंतरराष्ट्रीय टी -20 करियर केवल 21 गेंदों का ही रहा, लेकिन यह तीन छक्के हमेशा के लिए द्रविड़ के प्रशंसकों के दिल में बस गये। मैच के दौरान हर्ष भोगल की टिप्पणी ने इस पारी में और भी रंग जोड़े। जब उन्होंने द्रविड़ के लिए कहा, 'उन्हें पानी पर चलने के लिए कहें और कहेंगे ठीक है'।
लेखक: करालेसुशांतटीपी
अनुवादक: राहुल पांडे