भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एम एस धोनी ने मेंटल हेल्थ को लेकर अपनी खास राय रखी है। उन्होंने कहा है कि मेंटल कंडीशनिंग कोच का इस वक्त हमेशा टीम के साथ होना जरुरी है। धोनी ने कहा कि अभी भी हमारे देश में खिलाड़ी मानसिक बीमारी को बताने में झिझकते हैं। इसलिए मेंटल कंडीशनिंग कोच का होना जरुरी है।
MFORE द्वारा आयोजित एक सेशन में अलग-अलग खेलों के कोच के साथ अपने अनुभव शेयर करते हुए एम एस धोनी ने ये बात कही। धोनी ने कहा कि भारत में मुझे अभी भी लगता है कि जब मानसिक बीमारी की बात आती है तो लोग बताने में झिझकते हैं। इस बारे में कोई नहीं बताता है कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो पहली 5-10 गेंदों पर मुझ पर दबाव रहता है। मेरी दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं। ये एक काफी छोटी समस्या है लेकिन काफी बार लोग इस बारे में कोच से बात नहीं करते हैं। इसलिए एक कोच और खिलाड़ी के बीच जबरदस्त रिलेशनशिप होना चाहिए, चाहे वो कोई भी खेल क्यों ना हो।
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धोनी ने आगे कहा कि मेंटल कंडीशनिंग कोच सिर्फ 15 दिनों के लिए टीम के साथ नहीं होना चाहिए। क्योंकि ऐसा होने पर वो सिर्फ अपने अनुभव ही शेयर कर पाएगा। अगर मेंटल कोच लगातार किसी खिलाड़ी के साथ रहेगा तो वो अच्छी तरह से समझ पाएगा कि क्या-क्या चीजें उसके खेल को प्रभावित कर रही हैं।
आपको बता दें कि एम एस धोनी ने 2019 वर्ल्ड कप के बाद से ही कोई भी मैच नहीं खेला है। कई लोगों का मानना है कि धोनी अब भारत के लिए नहीं खेलेंगे, लेकिन अधिकारिक तौर पर उन्होंने अभी तक कुछ नहीं कहा है और ना ही संन्यास का ऐलान किया है।