ऑस्ट्रेलिया के विश्व विजेता कप्तान क्लार्क ने अच्छे से ऑटो-रिक्शा चलाकर सभी को किया हैरान

ऐसा लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व विश्व विजेता कप्तान माइकल क्लार्क भारत में अपने समय का काफी आनंद उठा रहे हैं। 2015 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले 35 वर्षीय क्लार्क फ़िलहाल बैंगलोर में बतौर कमेंटेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में मौजूद हैं, जो भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा टेस्ट सीरीज का कवरेज कर रहे हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में शनिवार को आमने-सामने होंगी। फ़िलहाल दोनों टीमें नेट्स पर काफी पसीना बहा रही हैं। वहीं क्लार्क अपने खली समय का पूरा लाभ ले रहे हैं। उन्हें हाल ही में बैंगलोर की व्यस्त सड़क पर ऑटो-रिक्शा चलाते हुए देखा गया। क्लार्क ने अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह हरे और पीले रंग वाले 'टुक-टुक' को चलाते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने पहले ड्राईवर से ऑटो चलाने की ट्रिक सीखी और फिर ट्रैफिक के बीच में मस्ती से ऑटो चलाया।

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क्लार्क ने वीडियो शेयर करने के साथ ही लिखा, 'टुक-टुक चलाने की कला में महारत हासिल की। बैंगलोर में वापस आकर खुश हूं, जहां से यह सब शुरू हुआ था।' क्लार्क अपने ज़माने के बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक रहे हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के स्वर्णिम समय के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और फिर नंबर-1 टेस्ट रैंकिंग वाली टीम का हिस्सा बने। क्लार्क ने 2015 विश्व कप में पीठ दर्द के बावजूद भी शानदार प्रदर्शन किया और टीम को पांचवीं बार विश्व विजेता बनाया। अपने करियर के शुरुआती चरण में क्लार्क काफी आक्रामक बल्लेबाज थे, जिनकी किताब में क्रिकेट के सभी शॉट मौजूद थे। वह धीमे-धीमे विश्वसनीय बल्लेबाज बने और देखते ही देखते उन्हें रिकी पोंटिंग का उत्तराधिकारी बना दिया गया। पोंटिंग के संन्यास लेने के बाद क्लार्क ने टीम की कमान संभाली। कप्तानी के दौरान क्लार्क के कई बार विवादों को आमंत्रण दिया। उन्होंने और कोच मिकी आर्थर ने 2013 में भारत के निराशाजनक दौरे के बाद चार खिलाड़ियों को निलंबित कर दिया। हालांकि, उसी वर्ष उन्होंने एशेज सीरीज में इंग्लैंड का 5-0 से सफाया भी किया। फिर एशेज सीरीज ने ही क्लार्क को संन्यास लेने पर मजबूर किया और 12 साल के उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सफ़र पर विराम लग गया। 2015 सीरीज में इंग्लैंड के हाथों एशेज सीरीज हारने के बाद क्लार्क ने संन्यास की घोषणा कर दी। इसके बाद से क्लार्क कमेंटेटर के रूप में अपने समय का लुत्फ़ उठा रहे हैं। वह बीच-बीच में काफी मजाकिया बन जाते हैं और खेल को बड़े अच्छे से भांप लेते हैं। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के साथ बड़ा गहरा नाता है। उन्होंने इसी मैदान पर 2004 में भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करते हुए शानदार शतक जड़ा था। क्लार्क ने 151 रन की उम्दा पारी खेली थी और ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 217 रन के विशाल अंतर से जीता था। डेब्यू करने वाले क्लार्क को मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाजा गया था।

Edited by Staff Editor
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