भारत ने न्यूज़ीलैंड को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 2-0 से मात देकर सीरीज़ पर कब्ज़ा कर लिया है और टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 का स्थान भी पक्का कर लिया है। जिसके बाद भारतीय क्रिकेट फ़ैंस बेहद ख़ुश हैं, लेकिन इस ख़बर को जानकर वह न सिर्फ़ हैरान रह जाएंगे बल्कि आख़िरी टेस्ट और 5 वनडे मैचों का लुत्फ़ उठाने का मौक़ा हाथ से निकल सकता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस मौजूदा सीरीज़ को रद्द करने के फ़ैसले पर विचार कर रही है। दरअसल, अंग्रेज़ी अख़बार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक लोढ़ा समिति की सिफ़ारिश के बाद बैंक ने बीसीसीआई के अकाउंट्स फ़्रीज़ करने के फैसला लिया है। जिसके बाद बीसीसीआई के पास भारत-न्यूजीलैंड की सीरीज़ को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। लोढ़ा समिति के लेटर में 'बैंक ऑफ महाराष्ट्र' और 'यस बैंक' का ज़िक्र है। खबर के मुताबिक इन दोनों बैंकों ने फ़ैसला लिया है कि वे बीसीसीआई की पेमेंट रोकेंगे, हालांकि बीसीसीआई के आलाधिकारी ने ये भी कहा है कि 6 अक्टूबर तक रुकना चाहिए, क्योंकि तब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पर सुनवाई होनी है। बीसीसीआई को उम्मीद है कि उसके बाद सब दुरुस्त हो जाएगा। समिति ने सोमवार को बैंकों को लिखे पत्र में कहा, ''समिति को पता चला है कि बीसीसीआई की 30 सितंबर 2016 को हुई आपात कार्यकारी बैठक में कुछ फैसले लिए गए हैं जिसमें विभिन्न सदस्य संघों को काफी बड़ी राशि का वितरण किया गया है।'' ये पत्र बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जोहरी और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी को भी भेजा गया है। बीसीसीआई के एक आलाधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि, ''हमारे पास भारत-न्यूज़ीलैंड सीरीज़ को बीच में ही रद्द करने के आलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। हम नहीं चाहते कि दुनिया के सामने भारत की छवि ख़राब हो और हम शर्मसार हों। बैंक अकाउंट्स फ़्रीज़ हो जाने के बाद हम क्या करेंगे ? कैसे कोई प्रतियोगिता या खेल का आयोजन हो पाएगा, हमारे हाथ ऐसा लगता है जैसे बंध गए हों। बैंक अकाउंट्स को फ़्रीज़ कर देना कोई मज़ाक नहीं है और वह भी तब जब एक अंतर्राष्ट्रीय टीम दौरे पर हो।''