मिस्बाह उल हक ने 2007 वर्ल्ड टी20 फाइनल की हार से उबरने की कहानी का किया खुलासा

हाल ही में अपने शानदार प्रदर्शन के कारण चर्चाओं का केंद्र बने मिस्बाह उल हक के बारे में कम ही लोगों को याद होगा कि उन्होंने 2001 में डेब्यू किया था। नेतृत्व क्षमता के धनी मिस्बाह ने पाकिस्तान क्रिकेट को 2010 स्पॉट फिक्सिंग मामले से उबारकर कुछ ही महीनों पहले टेस्ट रैंकिंग की शीर्ष तीन टीमों में शामिल करा दिया है। अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर खड़े मिस्बाह ने संकेत दिए कि किस वजह से वह इतना शानदार खेलने के लिए हमेशा तत्पर रहे। पाकिस्तान के मशहूर स्पोर्ट्स एंकर मिर्ज़ा इकबाल बैग को इंटरव्यू देते हुए 42 वर्षीय मिस्बाह ने बताया कि 2007 वर्ल्ड टी20 फाइनल की हार के बाद उन्होंने मजबूत मानसिकता के कारण ही इतना लंबा सफ़र तय करने में कामयाबी हासिल की। मिस्बाह ने कहा, 'अगर मैं जोगिंदर शर्मा और शांताकुमारन श्रीसंथ को याद करता रहता तो क्रिकेट खेलना छोड़ चुका होता। मेरा हमेशा से मानना है कि आपको पुरानी बातें भुलाना पड़ती है, फिर चाहे वो अच्छी ही क्यों न हो। क्रिकेट में जिंदगी का हर दिन नया है, जहां आपको प्रदर्शन करना है। अगर आप पूर्व और भविष्य की बातों पर ज्यादा टिके रहेंगे तो प्रदर्शन करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। आपकी कुछ गलतियां होती है, लेकिन एक सीमा तक ही यह हावी हो तो ठीक है वरना आपके मौजूदा प्रदर्शन पर इसका असर जरुर पड़ता है।' दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए यह बहुत ही करीब, लेकिन बहुत ही दूर वाला मामला रहा जब भारत ने जोहानसबर्ग में वर्ल्ड टी20 के उद्घाटन संस्करण का ख़िताब पांच रन के करीबी अंतर से जीता। पाकिस्तान को 4 गेंदों पर 6 रन की जरुरत थी, तब मिस्बाह ने जोगिंदर शर्मा की फुल लेंथ पर आई गेंद पर सीधा शॉट खेलने के बजाय अजीब स्कूप शॉट खेला था। श्रीसंथ ने शॉर्ट फाइन लेग पर आसान कैच पकड़कर भारतीय खेमे में ख़ुशी फैला दी थी। मगर पाकिस्तान इस मैच में कभी करीब भी नहीं पहुंच पाता अगर मिस्बाह उल हक 38 गेंदों में 43 रन की पारी नहीं खेलते। जहां ऐसी घटना से कई खिलाड़ियों के दिल टूटे, वहीं मिस्बाह ने अपना ध्यान क्रिकेट पर केंद्रित रखा और देखते ही देखते वह आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने। मानसिक दृढ़ता के बारे में बात करते हुए मिस्बाह ने कहा, 'इस मामले (मानसिक दृढ़ता) में जावेद मियांदाद, स्टीव वॉ और इंज़माम उल हक जैसे खिलाड़ी मुझे पसंद हैं। अन्य खिलाड़ियों में जैक्स कैलिस और विशेषकर एबी डीविलियर्स शामिल है, जो विश्व के शीर्ष बल्लेबाज हैं और आज के समय में आपने उनके जैसा कोई और खिलाड़ी नहीं देखा होगा।' भारत के खिलाफ संन्यास लेने की योजना बनाई थी अगले महीने ऑस्ट्रेलिया का थकाऊ दौरा शुरू होगा, पाकिस्तान को तब मिस्बाह के शांत नेतृत्व और शालीन बल्लेबाजी की जरुरत पड़ेगी। मगर ऐसा कहा जाता है कि सभी अच्छी चीजों का अंत भी आता है। मिस्बाह के मुताबिक पिछले वर्ष भारत के खिलाफ प्रस्तावित सीरीज का मंच उनके संन्यास लेने के लिए आदर्श होता। मगर राजनीतिक कारणों से चिर-प्रतिद्वंदी के बीच सीरीज नहीं हो सकी। मिस्बाह ने कहा, 'मैंने पिछले वर्ष इंग्लैंड दौरे से पहले भारत के खिलाफ सीरीज खेलकर संन्यास लेने की योजना बनाई थी। मगर मैंने क्रिकेट बोर्ड और चेयरमैन से इस संबंध में बात की, इंग्लैंड सीरीज कड़ी थी और ऐसे में नए खिलाड़ी को कप्तानी सौंपना तथा नए खिलाड़ी को टीम में शामिल करना मुश्किल था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी सीरीज बहुत ही मुश्किल होगी, इसलिए मैंने क्रिकेट जारी रखने का मन बनाया।' उन्होंने साथ ही कहा, 'मौजूदा समय में मेरी योजना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खेलना है और उसके बाद ही मैं अपने भविष्य के बारे में कुछ सोचूंगा। अगर मेरा अच्छा विकल्प मिलता है तो उसे टीम में सही वक्त पर लाना अच्छा है।' पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया का दौरा दिसंबर में करना है जहां उसे तीन टेस्ट और पांच वन-डे मैच की सीरीज खेलना है।

Edited by Staff Editor
App download animated image Get the free App now