‘माइकल क्लार्क की कप्तानी में खेलना मेरे लिए एक खराब अनुभव रहा है’

क्रिकेट जगत में खिलाड़ियों के संन्यास के बाद अब एक नया चलन शुरू हुआ है, ये चलन अपनी आत्मकथा प्रकाशित करने का है। खिलाड़ी संन्यास लेने के बाद अपनी अपनी आत्मकथा लिखकर उसे प्रकाशित करने में लग जाते हैं, इस दौरान वो कुछ ऐसी बातें भी सामने लाते हैं जिन्हें सुनकर क्रिकेट फैन्स के साथ-साथ क्रिकेट के दिग्गज भी भौचक्के हो जाते हैं। हाल ही में कई खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी आत्मकथा प्रकाशित की है जिनमें एक बड़ा नाम ऑस्ट्रेलियाई पूर्व तेज़ गेंदबाज़ मिचेल जॉनसन का भी है। जॉनसन ने अपनी इस किताब में कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जिनसे आज सारा क्रिकेट जगत सकते में है। जॉनसन के मुताबिक इस किताब में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क पर निशाना साधा है “माइकल क्लार्क की कप्तानी में खेलने पर मेरा अनुभव बेहद खराब रहा है, जब क्लार्क कप्तान थे तो ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी गंदा था, खिलाड़ियों और कप्तान के बीच का ताल-मेल भी काफी खराब था”। “कुछ ऐसे भी खिलाड़ी थे जो क्लार्क की कप्तानी में खेलना ही नहीं चाहते थे, क्लार्क की कप्तानी में पूरी टीम बिलकुल टूट चुकी थी, उन्होंने पूरी टीम को विभाजित करके रख दिया था”: मिचेल जॉनसन जॉनसन के मुताबिक टीम में आने वाले युवा खिलाड़ी दूर से ही टीम की इस दरार को भांप लेते थे और इस माहौल से खुदको दूर रखना पसंद करते थे। उन युवा खिलाड़ियों का ये भी कहना था कि इससे अच्छा और ज्यादा मज़ा उन्हें राज्य स्तर के क्रिकेट में आता था। इसके अलावा एक समय जब माइकल क्लार्क को टीम का उप-कप्तान बनाया गया था और ऑस्ट्रेलियाई टीम वेस्टइंडीज़ दौरे पर थी साइमंड्स और क्लार्क के बीच कुछ बात चीत हुई थी जिसमें साइमंड्स ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी करने की इच्छा ज़ाहिर की थी। क्लार्क की इस आत्मकथा में इस बात का ज़िक्र किया गया है। साथ ही साथ जॉनसन ने ये भी कहा कि उनके और क्लार्क के बीच कुछ नोक-झोक हुई जिसके बाद उन दोनों के बीच एक बड़ी दरार पड़ गई। जॉनसन के इस बड़े खुलासे के बाद क्रिकेट जगत काफी हैरान है कि एक बड़ा और सफल कप्तान क्या इस तरह का हो सकता है?

Edited by Staff Editor
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