भारतीय महिला क्रिकेट की सुपरस्टार और पूर्व कप्तान मिताली राज (Mithali Raj) ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से हुई अपनी मुलाकात के बारे में बताया। मिताली ने बताया कि कैसे सचिन से मुलाकात के दौरान मिली सलाह ने उनके बल्लेबाजी पर असर डाला और उनका करियर भी लगभग सचिन जितना ही बड़ा हो गया।
सचिन तेंदुलकर को विश्व क्रिकेट का सबसे महान बल्लेबाज और भारतीय क्रिकेट का भगवान माना जाता है, वहीं मिताली राज भी भारतीय महिला क्रिकेट की पहली सुपरस्टार और विश्व की सिर्फ दूसरी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में 10,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। सचिन ने करीब 24 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला तो वहीं मिताली राज ने भी लगभग 23 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर राज किया। ऐसे में जब इन दोनों खिलाड़ियों की आपसी मुलाकात होगी तो क्रिकेट की बारीकियों पर चर्चा होना तो जाहिर सी बात है।
जब सचिन ने मिताली राज को दी महत्वपूर्ण सलाह
पीटीआई के साथ बातचीत के दौरान मिताली राज ने बताया कि मुझे अभी भी हमारी वो बातचीत याद है, जो इंग्लैंड में 2017 वर्ल्ड कप से पहले हुई थी। एक सामूहिक बातचीत के बाद मैंने उनसे अकेले में बात की थी। मैं उनसे पूछना चाहती थी कि कैसे उन्होंने अपने करियर को इतना लंबा बनाया और कैसे नए पीढ़ी के गेंदबाजों का सामना किया। पूर्व भारतीय महिला कप्तान ने कहा,
जब आपका इतना लंबा करियर होता है तो हर एक पीढ़ी में अलग-अलग तरीके के शानदार गेंदबाजों का सामना करना पड़ता हैं। मैं जानना चाहती थी कि वो कैसे आगे बढ़ते रहे। क्योंकि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, लोग बातें करना शुरू कर देते हैं कि आपका फुटवर्क स्लो हो रहा है, आप लाइन और लेंथ को पिक करने में देरी कर रहे हो, आप गेंद पर जल्दी नहीं आ पा रहे हो। मैं जानना चाहती थी कि उन्होंने इन सभी चीजों को मैनेज कैसे किया और कैसे हमेशा अपने गेम के टॉप पर बने रहे। उन्होंने मुझे सलाह दी और मैंने उसे अपनी ट्रेनिंग के दौरान इस्तेमाल किया।
आपको बता दें कि सचिन की उन्हीं सलाहों के बाद मिताली राज ने 2017 वर्ल्ड कप के दौरान कुल 409 रन बनाए और अपनी कप्तानी में भारत को फाइनल तक भी ले गईं थी। हालांकि, भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन भारत के लिए वो वर्ल्ड कप ऐतिहासिक हो गया, क्योंकि उसके रिजल्ट ने भारतीय महिला क्रिकेट में एक नए बदलाव की दस्तक दी।
मिताली राज ने बताया कि मास्टर-ब्लास्टर ने क्रिकेट की तकनीक के बारे में ज्यादा बात नहीं की, बल्कि गेम की मानसिक स्थिति के बारे में ज्यादा बातचीत की। उन्होंने कहा,
हमने तकनीक के बारे में ज्यादा बातचीत नहीं की, क्योंकि सभी की तकनीक अलग होती है। इतने साल खेलने के बाद एक सीनियर खिलाड़ी होने के नाते आप किसी भी दूसरे खिलाड़ी को उसकी तैयारी में मदद कर सकते हैं और वहीं उन्होंने मेरे साथ किया।