भारत की महिला कप्तान मिताली राज (Mithali Raj) ने मंगलवार को कहा कि वह टीम में युवाओं पर अपेक्षाओं का बोझ नहीं डालना चाहतीं और वह चाहती हैं कि पूरी टीम इस अवसर का आनंद उठाए। भारत और इंग्लैंड की महिलाएं 16 जून से ब्रिस्टल में शुरू होने वाले एकमात्र टेस्ट में आमने-सामने होंगी। टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर मिताली राज ने अपने विचार रखे।
भारतीय कप्तान ने कहा कि हम युवा खिलाड़ियों पर उम्मीदों का बोझ नहीं डालना चाहते। हम बस यही चाहते हैं कि वे अपना खेल खेलें और इसका आनंद लें। यह टेस्ट मैच और पिंक बॉल टेस्ट बहु-प्रारूप दौरों की शुरुआत है। किसी भी खिलाड़ी से पूछिए, वे सभी टेस्ट मैच खेलना चाहती हैं। हम तीनों प्रारूपों में खेले गए सभी द्विपक्षीय मैचों की तरफ देखते हैं और उम्मीद करते हैं कि एक दिन महिला टेस्ट चैम्पियनशिप होगी।
मिताली ने कहा कि हमने प्लेइंग इलेवन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है। हमने शैफाली वर्मा के बारे में फैसला नहीं किया है। एक सेशन में हम प्लेइंग इलेवन का निर्णय करेंगे। पिछले टेस्ट को सात साल हो चुके हैं और ज्यादातर खिलाड़ियों ने इन वर्षों में मुख्य रूप से सफेद गेंद वाली क्रिकेट खेली है। हमने पिछले कुछ दिनों में लाल गेंद से ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करने की कोशिश की है
भारतीय टीम 2017 के 50 ओवर विश्व कप फाइनल के बाद पहली बार इंग्लैंड का दौरा कर रही है। उस मैच में मिताली की अगुवाई वाली टीम को इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। मिताली ने कहा कि ज्यादतर खिलाड़ी विश्वकप का हिस्सा थी और हम पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहते। सभी के लिए वह अच्छा अनुभव था लेकिन अभी हमें कल टेस्ट मैच खेलना है।
उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड की टीम ने भी 2019 में अंतिम बार टेस्ट मैच खेला था। हालांकि घरेलू परिस्थितियां इंग्लैंड के लिए फायदेमंद जरुर होंगी।