इस वर्ष लगातर दो महीनों में दो बड़े आईसीसी टूर्नामेंट और दोनों में भारतीय टीम का फाइनल में पहुंचना क्रिकेट प्रेमियों के लिए काफी आनंदित करने वाला पल है। पिछले महीने चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय पुरुष टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में शिरकत करते हुए रनर-अप रही, वहीँ उसी इंग्लैंड की धरती पर भारतीय महिला टीम ने विश्वकप के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचा है। भारतीय महिला टीम दूसरी बार विश्वकप के फाइनल में पहुंची है। इससे पहले 2005 में भी यह टीम फाइनल तक का सफ़र तय कर चुकी है, जहां उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों पराजित होना पड़ा था। इस बार सेमीफाइनल में उसी कंगारू टीम को हराकर मिताली राज वाली भारतीय टीम ने हिसाब बराबर कर लिया और एक बार फिर फाइनल में इंग्लैंड से भिड़ने के लिए तैयार है। भारतीय कप्तान मिताली राज का कप्तान के रूप में यह दूसरा विश्वकप फाइनल है। मैदान पर रणनीति के अलावा उनका बल्ला भी खूब आग उगल रहा है। मिताली अब तक 3 अर्धशतक और एक शतक की बदौलत 392 रन बना चुकी हैं। वे टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं। भारतीय महिला कप्तान दो बार विश्वकप फाइनल में कप्तानी करने वाली पहली भारतीय कप्तान बनने का गौरव हासिल कर लेंगी। इससे पहले पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका में 2003 में हुए पुरुष विश्वकप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम की कप्तानी की थी और टीम वह मैच हार गई थी। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने भारत में हुए 2011 विश्वकप फाइनल में कप्तानी करते हुए टीम को चैंपियन बनाया था। 2015 में ऑस्ट्रेलिया में हुए विश्वकप में एक बार फिर धोनी ने टीम की कमान सम्भाली लेकिन सेमीफाइनल तक टीम का सफ़र समाप्त हो गया था। मिताली ने 2005 के विश्वकप फाइनल में टीम की कप्तानी की है और अब एक बार फिर लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर अपनी योजना और बल्ले से विपक्षी टीम को जवाब देने को तैयार हैं। लॉर्ड्स में भारत का एक और रिकॉर्ड यह भी है कि यहां 1983 में हुए विश्वकप फाइनल में कपिल देव की कप्तानी में टीम ने जीत दर्ज कर पहली बार विश्वकप का खिताब प्राप्त किया था। इसके अलावा सौरव गांगुली की कप्तानी में 2002 की नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में कैफ और युवराज की शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने इंग्लैंड को पराजित कर ट्रॉफी जीती थी। ग्रुप स्टेज में भारतीय महिलाओं ने इंग्लैंड की महिलाओं को पटखनी दी है, लिहाजा मनावैज्ञानिक लाभ मिताली एंड कम्पनी के पास रहेगा। पूनम राउत, स्मृति मंधाना, मिताली राज और हरमनप्रीत कौर जैसी चारों शीर्ष क्रम बल्लेबाजों ने शतक जमाए हैं।