इंग्लैंड क्रिकेट टीम के ऑल राउंडर मोइन अली ने माना है कि उनके लिए क्रिकेट से ज्यादा महत्वपूर्ण उनका धर्म है और वो इस्लाम के लिए क्रिकेट भी छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम की वजह से वो फ्री महसूस करते हैं और इसकी वजह से उन्हें काफी खुशी होती है। अली ने इंग्लैंड के लिए 26 टेस्ट और 39 वनडे मैच खेले हैं। उनके नाम टेस्ट मैच में 66 और वनडे में 39 विकेट लिए हैं। बीबीसी से बात करते हुए मोइन अली ने कहा, "मैं सोचता है कि मेरी जिम्मेदारी है कि इस्लाम, मुस्लिमों और ब्रिटिश एशियाई लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। ये काफी सकारात्म चीज है"। "अपने धर्म की वजह से मुझे फ्री महसूस होता है। जब मैं 18-19 साल का था, तब मैंने सोचा था कि मुझे ऐसी ही जीवन जीना है। ये एकलौती ऐसी चीज है, जिससे मुझे खुशी मिलती है। क्रिकेट मेरे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इस्लाम से ज्यादा नहीं। अगर मुझे क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा तो ये मेरे लिए आसान होगा"। मोइन अली पिछले 2 सालों से इंग्लैड टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। वो एक अच्छे बल्लेबाज के अलावा किफायती बॉलर भी हैं। पाकिस्तान के खिलाफ कल से शुरु हुई सीरीज़ में अली काफी अच्छा रोल निभा सकते हैं। जब उनके पूछा गया कि इंग्लैंड में अल्पसंख्यक होने के नाते रहने पर कैसा लगता है तो इसका जवाब देते हुए अली ने कहा, "ये काफी मुश्किल होता है। उम्मीद है कि मैं इससे जल्द बाहर निकल जाऊंगा और सब अच्छा हो जाएगा। ये सब तो जिंदगी का एक हिस्सा है। इंग्लैंड को पाकिस्तान के खिलाफ 4 टेस्ट, वनडे और टी20 सीरीज खेलनी है।