लंबे समय बाद पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ को मिला इंग्लैंड का वीज़ा

मोहम्मद आमिर की इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ से टेस्ट क्रिकेट में वापसी के रास्ते खुल गए हैं। उन्हें वहां के अधिकारियों ने वीज़ा दे दिया हैं। लेफ्ट आर्म फास्ट बोलर ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर टेस्ट क्रिकेट में जगह बनाई हैं। इनकी वापसी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि इन्हें इंग्लैंड का वीज़ा न मिले, क्योंकि 2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे के समय यह स्पॉट-फिक्सिंग में लिप्त पाए गए थे और इन्हें सज़ा भी हुई थी। पाकिस्तान क्रिकेट के लिए यह खबर किसी सौगात से कम नहीं हैं और वो चाहेंगे कि आमिर इंग्लैंड की स्विंगिंग कंडीशन का पूरा फायदा उठाए। आमिर ने 2010 में खेले 6 टेस्ट मैच में 30 विकेट अपने नाम की थी, जिसमे से 4 उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ खेले थे और 2 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। हालांकि आमिर, उनके कप्तान सलमान बुट्ट और मोहम्मद आसिफ़ का करियर तब खत्म हो गया था, जब यह तीनों स्पॉट-फिक्सिंग में शामिल पाए गए थे। जब यह पता चला था कि आमिर ने अपने कप्तान के कहने पर कुछ पैसों और गिफ्ट के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, तो सारे क्रिकेट फैंस को धक्का सा लगा था। उसके बाद आमिर पर 5 साल का प्रतिबंध, आसिफ़ पर 7 साल का और उनके कप्तान पर 10 साल का प्रतिबंध लगा था। यहां तक कि उन्हें 6 महीनों के लिए जेल भी जाना पढ़ा था। इस बीच यह बात भी सामने आई थी कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आमिर के लिए आईसीसी और ईसीबी से समर्थन मांगा था की उन्हें थोड़ी रियायत दी जाए। आमिर की वापसी को हर जगह से समर्थन मिला हैं। इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड का कहना हैं कि हमारी टीम के तरफ से कोई भी उनसे गलत तरीके से पेश नहीं आएगा, लेकिन दर्शकों का रेस्पोंस के बारे में कहना थोड़ा मुश्किल होगा कि वो इसे किस तरह लेते हैं। ब्रॉड ने जोड़ते हुए कहा" उस टीम में ऐसे 3-4 ही खिलाड़ी हैं, जो इस समय हमारी टीम का हिस्सा है। साथ ही में पाकिस्तान की टीम काफी बदल गई हैं"। पाकिस्तान की टीम 2010 के बाद से पहली बार इंग्लैंड आ रही है। वो यहां 3 टेस्ट, 5 वनडे और 1 टी-20 मैच खेलेगी। उसके बाद पाकिस्तान की टीम आयरलैंड रवाना होंगी और उनके साथ 2 वनडे मैच खेलेगी। आमिर के अलावा रिस्ट स्पिनर यासिर शाह भी टीम में काफी समय बाद टीम में वापसी कर रहे है। उन्हें आईसीसी ने प्रतिबंधित दवाओ का सेवेन करने के कारण उन्हें तीन महीने के लिए सस्पैंड कर दिया था। लेखक- अमित सिन्हा, अनुवादक- मयंक महता

Edited by Staff Editor
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