भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और अपने जमाने के तेजतर्रार फील्डर मोहम्मद कैफ ने अपने क्रिकेट करियर को लेकर खुशी जताई है। कैफ ने कहा कि भारतीय क्रिकेट को लेकर उन्होंने अपने करियर में जो कुछ भी किया उससे वो संतुष्ट हैं। कैफ ने कहा कि जिस तरह से मैंने क्रिकेट खेला उससे मैं खुश हूं। मैंने भारतीय फैंस को घरेलू और विदेशी सरजमीं पर कुछ यादगार पाल दिए। जिस तरह से मैंने अपने करियर का अंत किया उससे भी मैं खुश हूं। इसके अलावा जिस समय मैंने क्रिकेट खेला उससे भी मुझे काफी खुशी है। कैफ ने कहा कि मैं कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ खेल रहा था और वे सभी खिलाड़ी आगे चलकर महान खिलाड़ी बने। जब टीम में इतने सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी होते हैं तब चयनकर्ताओं को मुझ जैसे युवा खिलाड़ी को मौका देना काफी मुश्किल होता है। कैफ ने आगे कहा कि वो टेस्ट क्रिकेट को अपने लिए सबसे उपयुक्त प्रारूप मानते थे, भले ही उन्होंने ज्यादा टेस्ट मैच खेले ना हों। उन्होंने कहा कि तकनीक के लिहाज से वो गौतम गंभीर और राहुल द्रविड़ की तरह के बल्लेबाज थे, क्योंकि वो उनको काफी नजदीकी से देखते थे। कैफ ने आगे कहा कि वो युवराज सिंह जैसी बल्लेबाजी बिल्कुल नहीं कर सकते थे। वो क्रीज पर समय बिताना पसंद करते थे। गौरतलब है मोहम्मद कैफ ने भारत के लिए कुल मिलाकर 125 वनडे मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने 2753 रन बनाए थे। इसके अलावा 13 टेस्ट मैच भी उन्होंने खेले। वो अपने जमाने के सबसे बेहतरीन फील्डरों में से एक थे। उनके समय सचिन तेंदुलकर, वीरेंदर सहवाग, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह जैसे दिग्गज बल्लेबाज थे, इसलिए कैफ को ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता था। उनके करियर का सबसे यादगार पल वो है जब उन्होंने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में लॉर्ड्स में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारतीय टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।