तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने गुलाबी गेंद की भारत में जोरदार दस्तक कराई है। कोलकाता के एतिहासिक ईडन गार्डेन्स पर जारी सीएबी सुपर लीग के फ़ाइनल में शमी ने टेस्ट क्रिकेट में हुए नए प्रयोग का शानदार अनुभव ग्रहण किया। अपने कार्य और शब्दों से शमी से साबित किया कि गुलाबी गेंद यहां (भारत में) कारगर साबित होगी जो क्रिकेट को काफी रोचक बनाएगी। रविवार को मैदान पर 5,000 से अधिक दर्शक शमी कि लहराती हुई स्विंग गेंदबाजी देखने पहुंचे थे और तेज गेंदबाज ने किसी को निराश नहीं किया। शमी की तेज गति की गेंद और बाउन्स के सामने भोवानीपोर के बल्लेबाज असहाय नजर आए। अपने पहले ही ओवर में शमी ने दो नो-बॉल की, एक विकेट लिया और तीन गेंदे बल्ले के पास से निकाली तथा बाकी पैड्स पर लगी। शमी ने पहली पारी में 42 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने भारत में गुलाबी गेंद से पहला 5 विकेट हॉल लिया। शमी की टीम ने विपक्षी टीम को फॉलो-ऑन नहीं देना ठीक समझा क्योंकि उन्हें स्लो ओवर रेट के कारण पेनाल्टी रन की चिंता उन्हें सता रही थी। दिन का खेल खत्म होने के बाद शमी ने कहा, 'यह (गुलाबी गेंद) बहुत ही चमकदार है। लाल और सफ़ेद गेंद के साथ दृष्टि की थोड़ी तकलीफ होती है, क्योंकि वह घास का रंग समेट लेती हैं। मैं इस गेंद का इस्तेमाल करना पसंद करूंगा क्योंकि यह बेहतर है।' तेज गेंदबाज ने आगे कहा, 'दोपहर में थोड़ी नमी थी इसलिए शुरुआत में काफी मदद मिली। मगर लाइट्स में गेंद ज्यादा मुव कर रही थी। यह बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।' यह चिंता जताई जा रही है कि गुलाबी गेंद से रिवर्स स्विंग नहीं मिल रही है, लेकिन शमी का मानना है कि अगर गेंदबाज को पता है कि गेंद कैसे रिवर्स होती है तो वो निश्चित ही करा सकता है। उन्होंने कहा, 'गेंद अपना रंग और चमक हासिल कर रही है। अगर हम सूखापन बरकरार रखते हैं तो मुझे भरोसा है कि गेंद रिवर्स जरूर करेगी।' शमी की मोहन बगान के साथी ऋधिमान साहा ने कहा कि गुलाबी गेंद लगातार स्विंग हो रही थी। साहा दूसरी पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए। उन्होंने कहा, 'हर गेंद स्विंग कर रही थी जो लाल कूकाबुरा गेंद में नहीं होता था। इसमें दृष्टि बिलकुल सही रही। लाल और सफ़ेद गेंद पुरानी होने के बाद घास का रंग अपना लेती हैं। मगर गुलाबी गेंद को देखने में कोई दिक्कत नहीं हुई। मोहन बगान फ़ाइनल के तीसरे दिन भोवानीपुर पर 296 रन की बढ़त के साथ अपनी बल्लेबाजी जारी करेगी।