चाहे घरेलू पिच हो या फिर विदेशी सरजमीं किसी भी टेस्ट मैच जो जीतना आसान नहीं होता है और उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है लगातार अजेय रहना। क्रिकेट के 100 साल के इतिहास में केवल 16 बार ऐसा हुआ है कि कोई भी टीम 15 या उससे ज्यादा मैचों तक कोई टेस्ट मैच नहीं हारी हो। इनमें से चार बार टीम 20 से ज्यादा मैचों तक नहीं हारी, और 3 दशक से भी ज्यादा समय तक ये रिकॉर्ड बना रहा। फुल टाइम कप्तान बनाए जाने के बाद बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में जीत कप्तान कोहली के लिए कप्तान के तौर पर लगातार छठी सीरीज जीत है। वहीं लगातार 19 टेस्ट मैचों से भारतीय टीम कोई भी टेस्ट मैच नहीं हारी है। इस रिकॉर्ड ने भारतीय टीम को दुनिया की उन दिग्गज टीमों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है जो कि इससे पहले ये कारनामा कर चुकी हैं। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें शीर्ष 5 में आती हैं। इनमें से एक टीम ने 2 बार ये कारनामा किया है। आइए आपको बताते हैं उन टीमों के बारे में जो सबसे लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट में अजेय रहीं। 5.भारत-19 टेस्ट मैच एकमात्र टेस्ट मैच में बांग्लादेश के खिलाफ जीत के बाद भारतीय टीम ने लगातार 19 टेस्ट मैच से ना हारने का रिकॉर्ड बना लिया। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (18 मैच) को पीछे छोड़ दिया। फुल टाइम कप्तान के तौर पर विराट कोहली की ये छठी सीरीज जीत थी वहीं 19 टेस्ट मैचों से ना हारने का रिकॉर्ड भी कायम है। कोहली एंड कंपनी का अगला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से है। 23 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज शुरु हो रही है। अब देखना ये है कि टीम अपना रिकॉर्ड बरकरार रख पाती है कि नहीं। 2015 में श्रीलंका से पहला टेस्ट हारने के बाद किसी को भी नहीं उम्मीद थी कि भारतीय टीम इतने जोरदार तरीके से वापसी करेगी। पहला मैच हारने के बाद भारत ने श्रीलंका को ना केवल अगले 2 मैच में हराया बल्कि 1993 के बाद पहली बार श्रीलंका में कोई टेस्ट सीरीज जीती। इसके बाद इंडियन टीम ने दक्षिण अफ्रीका को घरेलू सरजमीं पर 3-0 से मात दी। उस समय तक अफ्रीकी टीम एक दशक से कोई भी टेस्ट मैच नहीं हारी थी। लेकिन भारतीय टीम ने प्रोटियाज के विजय रथ को रोक दिया। भारत में जो सीरीज होती थीं, उसके लिए ज्यादातर टर्निंग पिचें तैयार की जाती थीं। इसको लेकर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए, कि ऐसा भारतीय टीम को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन विदेशी सरजमीं पर वेस्टइंडीज में भी भारतीय टीम ने 2-0 से टेस्ट सीरीज जीतकर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। इसके बाद भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में व्हाइटवॉश किया फिर इंग्लैंड को 4-0 से बुरी तरह हराया और अब बांग्लादेश को एकमात्र टेस्ट मैच में हराकर रिकॉर्ड बना दिया। 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत का दौरा करने वाली है, जिसका रिकॉर्ड एशिया में अच्छा नहीं है। ऐसे में विराट कोहली के पास बड़ा मौका है कि वो इस सीरीज में अजेय रहकर दुनिया की उन महान टीमों में शामिल हो जाएं जिन्होंने सबसे ज्यादा लंबे समय तक कोई टेस्ट मैच नहीं हारा था। 4. ऑस्ट्रेलिया-22 टेस्ट ये रिकॉर्ड बनाने वाली 2 ऑस्ट्रेलियाई टीमों में से ये पहली टीम थी, जिसने कप्तान रिकी पॉंटिंग की अगुवाई में लगातार 22 टेस्ट मैचों तक हार का स्वाद नहीं चखा था। लगभग ढाई साल तक ये कंगारु टीम अजेय रही और इसकी शुरुआत 2005 में मशहूर एशेज सीरीज से हुई, जिसे जीतक ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपना विजयी रथ आगे बढ़ाया। ओवल में पहला टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के हौसले बुलंद थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ना केवल एशेज जीती बल्कि अगले कुछ महीनों में टेस्ट का किंग बन गई। लगातार 22 टेस्ट मैचों से ऑस्ट्रेलियाई टीम को कोई भी टीम हरा नहीं पाई। इस दौरान केवल 2 ही मैच ड्रॉ रहे और कंगारु टीम ने 20 टेस्ट मैच जीते। कंगारु टीम ना केवल 22 टेस्ट मैचों तक अजेय रही, बल्कि इस दौरान उसने दुनिया की दिग्गज टीमों को जिस तरह से हराया वो काबिलेतारीफ था। अपने 20 टेस्ट जीत के दौरान केवल 3 बार ऐसा मौका आया जब टीम 100 से ज्यादा कम रनों से या फिर 5 विकेट से कम हाथ में रहते हुए जीती हो। इससे पता चलता है कि उस वक्त ये ऑस्ट्रेलियाई टीम कितनी खतरनाक थी। कंगारु टीम ने उस दौरान घरेलू सीरीज में श्रीलंका, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड को व्हॉइटवॉश किया, जबकि घर से बाहर बांग्लादेशी टीम को व्हॉइटवॉश किया। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेजी से बढ़ रहा ये विजय रथ उस वक्त रुक गया जब अनिल कुंबले की अगुवाई में भारतीय टीम ने पर्थ टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 72 रनों से हरा दिया। इससे कंगारु टीम का लगातार 22 टेस्ट मैचों से ना हारने का सिलसिला टूट गया। 3. ऑस्ट्रेलिया-25 टेस्ट वर्ल्ड क्रिकेट में अभी तक ऑस्ट्रेलिया ही एकमात्र ऐसी टीम है जिसने लगातार 20 टेस्ट मैचों में अजेय रहने का कारनामा दो बार किया है। सबसे पहले महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन की अगुवाई में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ये रिकॉर्ड बनाया था। तब कंगारु टीम लगातार 25 टेस्ट मैचों से कोई भी मैच नहीं हारी थी। यहां तक कि इंग्लैंड के दौरे पर पूरी सीरीज में पहली बार ऑस्ट्रेलियाई टीम नहीं हारी। ऐसा करने वाली वो पहली ऑस्ट्रेलियाई टीम बनी। शायद यही वजह रही कि उस वक्त टीम को 'अपराजेय' कहा जाने लगा था। इंग्लैंड दौरे के बाद टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा वे इंडिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 11 टेस्ट मैचों से पहले ही अजेय थे। इसके बाद 1948 में इंग्लैंड दौरे पर कंगारु टीम ने 31 फर्स्ट क्लास मैच खेले , जिसमें से 23 जीते और 8 मैच ड्रॉ रहे। इसमें इंग्लैंड के खिलाफ 4-0 से टेस्ट सीरीज भी शामिल है। डॉन ब्रेडमैन का ये आखिरी इंग्लैंड दौरा था, लेकिन इसके बाद भी ऑस्ट्रेलियाई टीम का जीत का कारवां नहीं रुका। घर से बाहर कंगारु टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराया इसके बाद इंग्लैंड को लगातार 4 मैचों में हराया लेकिन मेलबर्न टेस्ट मैच में हारने के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम का जीत के सिलसिले पर ब्रेक लग गया। इस दौरान टीम 25 टेस्ट मैचों तक कोई भी मैच नहीं हारी, जिसमें 20 बार टीम को जीत मिली जबकि 5 ड्रॉ रहे। इस दौरान कंगारु टीम ने लगातार 6 टेस्ट सीरीज भी जीती। 2. इंग्लैंड-26 टेस्ट क्रिकेट का जन्मदाता होने के बावजूद इस खेल में इंग्लैंड के नाम कोई बड़ा रिकॉर्ड नहीं है। लेकिन एक रिकॉर्ड जरुर इंग्लैंड के नाम है और वो है लगातार 25 से भी ज्यादा टेस्ट मैचों तक कोई भी मैच नहीं हारना। ये कारनामा वर्ल्ड क्रिकेट में केवल 2 ही टीमें कर सकी हैं, पहली ऑस्ट्रेलिया और दूसरी इंग्लैंड। जून 1968 से अगस्त 1971 के बीच इंग्लिश टीम ने 26 टेस्ट मैच खेले। इस दौरान वो कोई भी मैच नहीं हारी। लेकिन क्यों इंग्लिश टीम को उस ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज टीम की तरह दिग्गज या महान टीम नहीं माना जाता था वो इस 26 टेस्ट मैच के दौरान दिख गया। उस 26 टेस्ट मैच के दौरान इंग्लिश टीम ने केवल 9 ही टेस्ट मैच जीते, जिसमें से केवल 3 मैच विदेशी सरजमीं पर जीता। इस दौरान टीम ने 8 सीरीज खेले जिसमें से 5 सीरीज जीती। टीम ने लगातार 2 टेस्ट मैच से ज्यादा कभी जीत हासिल नहीं की। जबकि इस दौरान 3 बार लगातार उन्होंने 3 टेस्ट मैच ड्रॉ कराए। हालांकि अगर इस टीम को देखा जाए तो इसमें दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे, जिनमें ज्योफ्री बॉयकॉट, कोलिन कोड्रे डेरेक अंडरवुड, जैसे खिलाड़ी थे। हालांकि इन्होंने मैच तो नहीं हारा लेकिन कई लोगों के दिल हार गए। लेकिन इन सबके बावजूद लगातार 3 साल तक टेस्ट मैचों में अजेय रहना कम बड़ी बात नहीं है। उस समय इंग्लिश टीम का भी विजय रथ भारत ने ही रोका था। 26 टेस्ट मैचों से अजेय रही इंग्लिश टीम को भारतीय टीम ने ओवल टेस्ट मैच में 4 विकेट से हराकर 3 मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम की। 1.वेस्टइंडीज-27 टेस्ट मैच 80 के दशक में वेस्टइंडीज की टीम काफी खतरनाक मानी जाती थी। उस समय वेस्टइंडीज को हराना बहुत मुश्किल था। क्योंकि उस वक्त कैरिबियाई टीम में मैल्कम मॉर्शल, कर्टनी वॉल्श, माइकल होल्डिंग और ज्योएल गार्नर जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे। उस वक्त टीम के कप्तान क्लाइव लॉयड थे। इसलिए वेस्टइंडीज के लिए लगातार 27 टेस्ट मैचों में अजेय रहने का रिकॉर्ड मामूली बात था। इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि इतने दिग्गज खिलाड़ियों से सजी टीम को भला कौन हरा सकता था। लगातार सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों तक ना हारने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है। उस वक्त वेस्टइंडीज की टीम 3 सालों तक 27 टेस्ट मैचों में अजेय रही। जीत के इस सफर के दौरान कैरिबियाई टीम ने घरेलू सीरीज में इंडिया को 2-0, घर से बाहर 3-0 से हराया। इसके अलावा घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को मात दी। फिर इंग्लैंड को इंग्लैंड में ही 5-0 से व्हॉइटवॉश किया। इससे पता चलता है कि उस वक्त वेस्टइंडीज टीम की तूती बोलती थी। कुल 27 अजेय मैचों का अगर ब्यौरा निकालें तो वेस्टइंडीज टीम ने इस दौरान 17 टेस्ट मैच जीते और 10 ड्रॉ कराए। इनमें से 12 टेस्ट मैच घर से बाहर खेले थे। वहीं इस दौरान टीम ने लगातार 7 टेस्ट मैच विदेशी सरजमीं पर जीते थे। जो कि अपने आप में बड़ी बात है। हालांकि कैरिबियाई टीम का ये जीत का कारवां ऑस्ट्रेलिया में थम गया। 1984 के सिडनी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वेस्टइंडीज को हराकर जीत का ये सिलसिला रोक दिया। इसके बावजूद सीरीज 3-0 से वेस्टइंडीज के नाम रही थी। उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 471 रन बनाए। जवाब में उन्होंने वेस्टइंडीज की पहली पारी को महज 163 रनों पर समेट दिया और दूसरी पारी में भी 253 रनों पर ऑलआउट कर दिया। इस तरह से ये मैच एक पारी और 55 रन से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा और कैरिबियाई टीम को 27 टेस्ट मैचों के बाद बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। फिर भी अभी सबसे ज्यादा मैचों तक अपराजेय रहने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है। लेखक: श्रीहरी, अनुवादक: सावन गुप्ता