80 के दशक में वेस्टइंडीज की टीम काफी खतरनाक मानी जाती थी। उस समय वेस्टइंडीज को हराना बहुत मुश्किल था। क्योंकि उस वक्त कैरिबियाई टीम में मैल्कम मॉर्शल, कर्टनी वॉल्श, माइकल होल्डिंग और ज्योएल गार्नर जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे। उस वक्त टीम के कप्तान क्लाइव लॉयड थे। इसलिए वेस्टइंडीज के लिए लगातार 27 टेस्ट मैचों में अजेय रहने का रिकॉर्ड मामूली बात था। इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि इतने दिग्गज खिलाड़ियों से सजी टीम को भला कौन हरा सकता था। लगातार सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों तक ना हारने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है। उस वक्त वेस्टइंडीज की टीम 3 सालों तक 27 टेस्ट मैचों में अजेय रही। जीत के इस सफर के दौरान कैरिबियाई टीम ने घरेलू सीरीज में इंडिया को 2-0, घर से बाहर 3-0 से हराया। इसके अलावा घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को मात दी। फिर इंग्लैंड को इंग्लैंड में ही 5-0 से व्हॉइटवॉश किया। इससे पता चलता है कि उस वक्त वेस्टइंडीज टीम की तूती बोलती थी। कुल 27 अजेय मैचों का अगर ब्यौरा निकालें तो वेस्टइंडीज टीम ने इस दौरान 17 टेस्ट मैच जीते और 10 ड्रॉ कराए। इनमें से 12 टेस्ट मैच घर से बाहर खेले थे। वहीं इस दौरान टीम ने लगातार 7 टेस्ट मैच विदेशी सरजमीं पर जीते थे। जो कि अपने आप में बड़ी बात है। हालांकि कैरिबियाई टीम का ये जीत का कारवां ऑस्ट्रेलिया में थम गया। 1984 के सिडनी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वेस्टइंडीज को हराकर जीत का ये सिलसिला रोक दिया। इसके बावजूद सीरीज 3-0 से वेस्टइंडीज के नाम रही थी। उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 471 रन बनाए। जवाब में उन्होंने वेस्टइंडीज की पहली पारी को महज 163 रनों पर समेट दिया और दूसरी पारी में भी 253 रनों पर ऑलआउट कर दिया। इस तरह से ये मैच एक पारी और 55 रन से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा और कैरिबियाई टीम को 27 टेस्ट मैचों के बाद बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। फिर भी अभी सबसे ज्यादा मैचों तक अपराजेय रहने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है। लेखक: श्रीहरी, अनुवादक: सावन गुप्ता