जो टीम ज्यादा टी-20 मैच नहीं खेलती है उसके खिलाड़ी को टी-20 के कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा रन बनाना कठिन काम है। खासकर जब एक दौरे में तकरीबन एक से दो महीने का गैप हो। तो ये और ज्यादा कठिन हो जाता है। निरंतर रन बनाना टी-20 में काफी कठिन काम है। क्योंकि इस खेल में ज्यादा समय नहीं होता है। हालाँकि टी-20 वर्ल्डकप में खिलाड़ियों को कई मैच खेलने को मिल जाते हैं। ऐसे में खिलाड़ी रन बना सकता है। मार्टिन गुप्टिल ने इस मौके का बेहतरीन तरीके से फायदा उठाया था। साल 2012 में उन्होंने 472 रन बनाकर दिलशान के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इस साल इस कीवी बल्लेबाज़ ने 13 टी-20 मैच खेले थे, जिसमें 47.2 के औसत और 130 के स्ट्राइक रेट से 472 रन बनाये थे। इस दौरान उनके बल्ले से मात्र दो अर्धशतक निकले थे। हालाँकि उन्होंने एक शतक ठोंका था।