क्रिकेट इतिहास के कुछ ऐसे मैदान जो घरेलू टीम के लिए बने जीत की गारंटी

MOHALI

टेस्ट को क्रिकेट का सबसे बेहतरीन प्रारूप माना जाता है, दुनिया की ज़्यादातर टीम क्रिकेट के इस फॉर्मेट को सबसे ज़्यादा अहमियत देती है। कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि कुछ खिलाड़ी सीमीत ओवरों के खेल से थोड़ा आराम लेते हैं और टेस्ट के लिए ज़्यादा मेहनत करते हैं। कई महान खिलाड़ियों के लिए टेस्ट का सबसे ज़्यादा महत्व होता है। मौजूदा दौर में किसी भी टीम के लिए घरेलू मैदान में खेलना फ़ायदे का सौदा होता है, क्योंकि मेज़बानी के दौरान विपक्षी टीम पर हावी होने का बख़ूबी मौक़ा मिलता है। हर टीम के लिए एक ऐसा मैदान ख़ास होता है जिस पर वो सबसे ज़्यादा बार कामयाब होते हैं। यहां हम हर टीम के हिसाब से सबसे सफल मैदान के बारे में बता रहे हैं जिसपर सबसे ज़्यादा टेस्ट जीत हासिल हुई है।

भारत – मोहाली (7/13 जीत)

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) स्टेडियम टेस्ट मैच के लिए भारत का पसंदीदा मैदान है। ये मैदान भारत के लिए कई यादगार जीत का गवाह बना है, ये मैदान तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मुफ़ीद रहा है। टीम इंडिया साल 1994 में पहली बार पीसीए स्टेडियम में टेस्ट मैच खेलने उतरी थी। इस मैच में भारत ने कोर्टनी वॉल्श की टीम वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ मैच खेला था। इस मैच में भारत को 243 रन की करारी हार मिली थी और सीरीज़ 1-1 से बराबर हो गई थी। ये एकमात्र ऐसा टेस्ट मैच था जो टीम इंडिया ने मोहाली में हारा था। इसके बाद भारत ने पीसीए ग्राउंड पर 12 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 7 में जीत हासिल की है और 5 मैच ड्रॉ रहे। साल 2008 में मोहाली में भारत ने इंग्लैड के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ का दूसरा मैच खेला था, ये मैच 26/11 के मुंबई हमले के बाद खेला गया था। हांलाकि ये मैच ड्रॉ हो गया था, लेकिन भारत ने 1-0 की बढ़त बरक़रार रखी थी। सीरीज़ के पहले मैच में चेन्नई में भारत को जीत हासिल हुई थी। इस सीरीज़ का तीसरा और आख़िरी टेस्ट भी ड्रॉ रहा था। मोहाली में खेले गए आख़िरी 4 टेस्ट मैच में भारत को सभी में जीत मिली है। साल 2010 में जब भारत ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पीसीए मैदान पर खेल रहा था, तो भारत ने ये मैच 1 विकेट से जीता था। 216 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 124 रन पर अपने 8 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद वीवीएस लक्ष्मण ने पुछ्ल्ले बल्लेबाज़ों के साथ मिलकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जीत दिलाई थी। साल 2013 में शिखर धवन ने इस मैदान पर अपना पहला टेस्ट मैच खेला था, उन्होने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शानदार शतक बनाया था और भारत को 3-0 से सीरीज़ जिताने में मदद की थी। साल 2015 और 2016 में इंग्लैड और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी टीम इंडिया ने मोहाली में अपना दबदबा बरक़रार रखा था।

न्यूज़ीलैंड – हैमिल्टन (10/24 जीत)

HAMILTON

क्रिकेट जगत में न्यूज़ीलैंड की टीम को हमेशा कमतर आंका जाता रहा है। अगर घरेलू मैदान में प्रदर्शन की बात करें तो कीवी टीम का रिकॉर्ड काफ़ी अच्छा रहा है। साल 2012 के बाद से कीवी टीम ने सिर्फ़ 4 टेस्ट मैच हारे हैं, वो भी दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीम के ख़िलाफ़। हैमिल्टन के सेडन पार्क में न्यूज़ीलैंड ने सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच जीते हैं। हांलाकि शुरूआती कुछ मैचों में न्यूज़ीलैड की टीम कुछ कमाल नहीं कर पाई थी। इस मैदान में खेले गए पहले 4 मैचों में कीवी टीम ने एक में भी जीत हासिल नहीं की थी, लेकिन मौजूदा दौर में ये उनके लिए सबसे लकी ग्राउंड बन चुका है। यहां खेले गए 24 टेस्ट मैचों में कीवी टीम ने सिर्फ़ 6 टेस्ट मैच इस मैदान पर हारे हैं। हाल के दौर में न्यूज़ीलैंड ने इस मैदान में वेस्टइंडीज (2017), पाकिस्तान (2016) और श्रीलंका (2015) को हराया है। हैमिल्टन में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में कीवी टीम जीत के बेहद क़रीब आ गई थी, लेकिन बारिश ने इस मैच में ख़लल डाल दिया और न्यूज़ीलैड को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा।

श्रीलंका – गॉल (17/30 जीत)

SL GALLE

हांलाकि हाल के दौर में श्रीलंकाई टीम को घर में भी हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन पिछले कुछ सालों तक श्रीलंकाई शेरों को उनके मांद में हराना एक चुनौती से कम नहीं था वो भी गॉल के मैदान पर, जहां गेंद वक़्त बीतने के साथ काफ़ी टर्न लेती है। गॉल में खेले गए 30 मैचों में श्रीलंका ने 17 में जीत हासिल की है और 7 मैच में हार का सामना करना पड़ा है। श्रीलंका के लिए गॉल मैदान एक जीत का किला बन चुका है। साल 2015 में इसी मैदान पर श्रीलंका ने भारत को नाटकीय अंदाज़ में हराया था। हांलाकि इस मैच में भारत ने 192 रन की बढ़त हासिल की थी, इसके बाद बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका ने भारत को 175 रन का लक्ष्य दिया था। इस मैच में रंगना हेराथ ने 48 रन देकर 7 विकेट हासिल किए थे और अपनी टीम को जीत दिलाई थी। इस मैच के अलावा श्रीलंका ने गॉल में मज़बूत ऑस्ट्रेलिया और कमज़ोर बांग्लादेश को भी हराया था। इस बात में कोई शक़ नहीं है कि श्रीलंका के लिए गॉल का मैदान सबसे ख़ास है। महान गेंदबाज़ मुथैया मुरलीधरन ने इस मैदान पर कुल 111 विकेट लिए हैं। रंगना हेराथ का भी रिकॉर्ड गॉल में बेहतर रहा है, उन्होंने यहां अब तक 94 विकेट लिए हैं।

दक्षिण अफ़्रीका - सेंचुरियन (17/22 जीत)

SA CENTURIAN

सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट पार्क को दक्षिण अफ़्रीका का सबसे तेज़ मैदान माना जाता है है। इस मैदान में खिलाड़ियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसके बारे में कई टीम के कप्तानों ने तारीफ़ की है। अगर हम सफलता की बात करें तो दक्षिण अफ़्रीका ने इस मैदान पर खेले गए 22 टेस्ट मैच में 17 में जीत हासिल की है और सिर्फ़ 2 मैच हारे हैं। साल 2000 में इंग्लैड ने और साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया ने प्रोटियाज़ टीम को शिक़स्त दी थी। इस मैदान में 22 मैचों में सिर्फ़ 3 मुक़ाबले ड्रॉ हुए हैं (आख़िरी ड्रॉ साल 2009 में हुआ था) जिससे साबित होता है कि इस मैदान में ज़्यादातर मैच का नतीजा निकलता है। तेज़ और बाउंस करने वाली पिचों पर प्रोटियाज़ टीम को खेलने में आसानी होती है और बल्लेबाज़ भी इस पर खेलना पसंद करते हैं। ऐसे में इस बात पर कोई शक़ नहीं कि सेंचुरियन का सुपर स्पोर्ट पार्क दक्षिण अफ़्रीकी टीम के लिए सबसे पसंदीदा मैदान है।

पाकिस्तान – कराची (21/41 जीत)

PAK KARACHI

कराची का नेशनल स्टेडियम पाकिस्तान के लिए एक मज़बूत किला है, ये टेस्ट का मैदान पाकिस्तान के लिए काफ़ी लकी रहा है। पाकिस्तान ने यहां 41 मैच खेले हैं और सिर्फ़ 2 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। जिस 2 मैचों में पाकिस्तान की टीम हारी है वो मौजूदा 21वीं सदी की बात है। क़रीब आधी सदी तक पाकिस्तान को किसी भी देश ने कराची में नहीं हराया। साल 2000 में इंग्लैंड ने और साल 2007 में साउथ अफ़्रीका ने पाकिस्तान को इस मैदान पर हराया था। इससे साबित होता है कि कराची में पाकिस्तान को हराना बेहद मुश्किल है।

वेस्टइंडीज़ – बारबाडोस (24/52 जीत)

WI BARBODAS

मौजूदा दौर में जब हम वेस्टइंडीज़ क्रिकेट की बात करते हैं तो उसके टी-20 में दबदबे की बात होती है। इसकी वजह ये है कि टेस्ट में वेस्टइंडीज़ प्रदर्शन लगातार गिर रहा है। एक वक़्त कैरेबियाई टीम को उसके घर में हराना बेहद मुश्किल होता था, लेकिन साल 2000 के बाद इस टीम का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट में बुरा होता जा रहा है। इसके बावजूद वेस्टइंडीज का बारबाडोस के केनिंग्सटन ओवल ग्राउंड में अच्छा रिकॉर्ड बरक़रार है। साल 2013 से अब तक कैरेबियाई टीम ने इस मैदान पर सिर्फ़ एक मैच हारा है। वेस्टइंडीज़ ने इस मैदान पर 52 टेस्ट मैच में से 24 में जीत हासिल की है, 11 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। वेस्टइंडीज़ को इस मैदान पर साल 2000 से अब तक 8 बार शिकस्त मिली है।

इंग्लैंड- एजबेस्टन (27/50 जीत)

ENG EDGBASTON

एजबेस्टन के मैदान पर पहला टेस्ट साल 1902 में खेला गया था, ये इंग्लैंड का छठा टेस्ट मैदान था। साल 2017 तक इस मैदान में 50 से ज़्यादा टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं। 50 टेस्ट या उससे ज़्यादा मैचों की मेज़बानी करने वाला ये 14वां मैदान है। शायद ये बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि एजबेस्टन ग्रांउड इंग्लिश टीम के लिए सबसे ज़्यादा लकी रहा है। साल 2002 के बाद इंग्लैंड ने इस मैदान पर सिर्फ़ 1 टेस्ट मैच हारा है वो भी साल 2008 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़। इंग्लैंड ने यहां खेले गए 50 टेस्ट मैच में 27 जीते हैं और सिर्फ़ 8 मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा है। पिछले 7 सालों में इंग्लैंड ने इस मैदान पर सिर्फ़ 6 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से 5 में उसे जीत मिली है, इस जीत में एशेज 2015 की जीत भी शामिल है। इस तरह हम कह सकते हैं कि एजबेस्टन का मैदान इंग्लैंड टेस्ट टीम के लिए सबसे सफल मैदान है।

ऑस्ट्रेलिया – ब्रिस्बेन (38/60 जीत)

AUS BRISBANE

ये कहना ग़लत नहीं होगा कि विश्व क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया सबसे मज़बूत टीम है, वो भी तब जब वो घरेलू मैदान पर खेल रही होती है। साल 2012 के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपने घर में 41 टेस्ट मैच खेला है और सिर्फ़ 3 टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा है, वो भी सभी दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़। ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में पारंपरिक तौर पर सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच खेला जाता है गाबा मैदान इस समय विश्व की तेज़ पिचों में से एक है, और कंगारू टीम ने इस मैदान में खेले गए 60 टेस्ट मैच में सिर्फ़ 8 हारे हैं। साल 1988 से अब तक ऑस्ट्रेलिया ने इस मैदान पर सिर्फ़ 1 टेस्ट मैच हारा है। इसलिए ये ब्रिस्बेन का गाबा मैदान ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के लिए सबसे सफ़ल मैदान बन चुका है। लेखक –साहिल जैन अनुवादक- शारिक़ुल होदा