इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हो चुकी है। इस लीग के 10 सीजन रोमांचक तरीके से बीच चुके हैं और 11वें सीजन में 8 टीमें खिताब के लिए आमने-सामने हैं। आईपीएल में टी20 क्रिकेट फॉर्मेट होने के कारण उन खिलाड़ियों को मैदान पर ज्यादा तवज्जो दी जाती है जो कि कम गेंदों का सामना कर ज्यादा रन स्कोर कर सके। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कई ऐसे बल्लेबाज हैं जो टी20 क्रिकेट के फॉर्मेट में एकदम फिट बैठते हैं। लेकिन इसके बावजूद आईपीएल खिलाड़ियों को लेकर अलग-अलग प्रयोग करने के लिए भी जाना जाता है। किसी भी टीम के लिए ओपनिंग स्लॉट काफी महत्वपूर्ण रहता है। अगर सलामी बल्लेबाज टीम को ठोस शुरुआत दे तो आगे की राह आसान हो जाती है। हालांकि आईपीएल में सलामी बल्लेबाजों को लेकर भी काफी प्रयोग देखने को मिले हैं। काफी मौकों पर आईपीएल में टीमों ने उन खिलाड़ियों को ओपनिंग के लिए भेजा है जिनको ओपनिंग करना का बिल्कुल भी अनुभव प्राप्त नहीं था। लेकिन अस्थायी तौर पर भेजे गए इन ओपनर्स में कुछ ने काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको प्रभावित किया तो कुछ फिसड्डी साबित हुए। आइए जानते हैं उन सलामी बल्लेबाजों के बारे में जिन्होंने आईपीएल में अपनी टीम की ओर से अस्थायी बल्लेबाज के तौर पर ओपनिंग की है।
#5 प्रवीण कुमार
भारतीय गेंदबाज प्रवीण कुमार अपनी तेज गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कई मौकों पर प्रवीण कुमार ने टीम के लिए अच्छी बल्लेबाजी भी की है। हालांकि प्रवीण कुमार से ओपनिंग करवाना काफी आश्चर्यचकित कर देने वाला लगता है। प्रवीण कुमार ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हुए आईपीएल के पहले सीजन में ही ओपनिंग की है। दरअसल, इस सीजन आरसीबी के कई बल्लेबाज चोटों के कारण जूझ रहे थे। जिसके चलते आरसीबी के पास प्रवीण कुमार के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। प्रवीण कुमार को फिर दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के तौर पर मैदान पर भेजा गया और दूसरे छोर पर प्रवीण कुमार का साथ देने वसीम जाफर थे। इस मैच में प्रवीण कुमार को ओपनिंग के लिए भेजे जाने के पीछे एक बड़ा तथ्य यह भी था कि दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 191 रन बना दिया थे। इसके बावजूद प्रवीण कुमार को ओपनिंग के लिए भेजना किसी साहसिक कदम से कम नहीं था। हालांकि प्रवीण कुमार इस मुकाबले में सिर्फ एक चौका ही मार पाए और ग्लेन मैकग्रा के जरिए आउट हो गए। प्रवीण कुमार ने पांच गेंदें खेलकर 6 रन बनाए। आरसीबी ने इस मुकाबले को अपने पक्ष में करने की काफी कोशिश की लेकिन आखिर में आरसीबी को 10 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
#4 राहुल त्रिपाठी
रांची में जन्मे और महाराष्ट्र के बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी को स्थिर और तकनीकी रूप दक्ष खिलाड़ी के तौर देखा जाता है। राहुल त्रिपाठी मध्य-क्रम के बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं। आईपीएल में उनको राइजिंग पुणे सुपरज्वाइंट्स ने अपने साथ शामिल किया। हालांकि इससे पहले उन्होंने एक भी अंतर्राज्यीय टी20 मुकाबला नहीं खेला था। हालांकि, यह सिर्फ एक ही दफा ऐसा नहीं हुआ कि राहुल त्रिपाठी को मौका मिला। जब आईपीएल 2017 आया था तो उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से ओपनिंग करने के लिए भी कहा था। उस समय नियमित क्रिकेट देखने वाले को उनके बारे में पता नहीं था और कई लोगों ने शायद सोचा कि यह पिछले साल खराब प्रदर्शन कर रहे फ्रैंचाइजी की एक और तरकीब है। हालांकि, त्रिपाठी को सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजना मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ क्योंकि वह पिछले सत्र में आईपीएल में सबसे सुसंगत खिलाड़ियों में से एक बन गए थे और उन्होंने अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचने में मदद की थी। पिछले सीजन की उपलब्धि के चलते 2018 की नीलामी में उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 3.4 करोड़ रुपये में खरीदा है। वहीं पुणे की टीम ने उनको 10 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा था।
#3 सुनील नारेन
जब 2016-17 के बिग बैश लीग सीजन में सुनील नारेन ने मेलबर्न रेनेगेड्स के लिए पारी की शुरुआत की तो सभी को लगा कि यह सिर्फ एक प्रयोग था। हालांकि सुनील नारेन पर ये प्रयोग यहीं नहीं थमा और इंडियन प्रीमियर लीग के 2017 सीजन में भी सुनील से ओपनिंग करवाई गई। कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए सुनील नारेन ने पिछले सीजन ओपनिंग की और तहलका ही मचा कर रख दिया। कोलकाता के कप्तान गौतम गंभीर का सुनील पर लगाया गया ये दांव कई मौकों पर सटीक बैठा और टीम को इससे काफी फायदा भी हुआ। केकेआर की टीम में सलामी बल्लेबाज के तौर पर रॉबिन उथप्पा, कप्तान गौतम गंभीर और क्रिस लिन थे लेकिन फिर भी सुनील हावी रहे। पहली बार उन्होंने किंग्स-XI पंजाब के लिए ओपनिंग की और शानदार बल्लेबाजी करते हुए सबको रोमांचित कर दिया। इस मैच में सुनील ने पंजाब के खिलाफ 18 गेंदों में 37 रनों की पारी खेली। इसके बाद ये सुनील की ओपनिंग करने का सिलसिला कई मैचों में चलता रहा। इसके अलावा उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ ओपनिंग करते हुए धाकड़ बल्लेबाजी की और आरसीबी के खिलाफ खेलते हुए सुनील नारेन ने सबसे तेज अर्धशतकों में से एक लगा दिया। उन्होंने 22 गेंदों में 50 रनों की पारी को अंजाम दिया। इस दौरान कोलकाता 159 रनों का पीछा कर रही थी। आईपीएल के 11वें सीज़न में भी कोलकाता ने सुनील नारेन से सलामी बल्लेबाज़ी का सिलसिला जारी रखवाया और नतीजा ये हुआ कि बैंगलोर के ख़िलाफ़ उन्होंने 17 गेंदों में ताबड़तोड़ अर्धशतल लगा डाला।
#2 रविचंद्रन अश्विन
भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन एक बेहद सक्षम बल्लेबाज भी हैं और उन्होंने अपने करियर के दौरान अक्सर टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए बहुत उपयोगी रन बनाए हैं। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि रविचंद्रन अश्विन टी20 क्रिकेट के लिहाज से शुरुआती बल्लेबाज नहीं हैं। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2012 में केकेआर के खिलाफ ईडन गार्डन्स में खेल गए मुकाबले में अश्विन को ओपनिंग करने के लिए भेजा। ये निश्चित रूप से एक ऐसा प्रयोग था क्योंकि केकेआर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए केवल 119 रन बनाए थे। एक वास्तव में काफी आश्चर्य की बात थी अश्विन माइक हसी के साथ सलामी बल्लेबाज के तौर पर मैदान पर आए हैं। हालांकि अश्विन कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। उन्होंने 13 गेंदों में 11 रन बनाए और 2 चौके लगाए। हालांकि चेन्नई सुपर किंग्स ने लक्ष्य का पीछा जरूर कर लिया, लेकिन अश्विन को ओपनिंग करते हुए फिर से नहीं देखा गया।
#1 जेम्स फ्रैंकलिन
न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज जेम्स फ्रैंकलिन मुंबई इंडियंस की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। जेम्स फ्रैंकलिन को आमतौर पर निचले मध्य क्रम वाले बल्लेबाज के रूप में भेजा जाता था। हालांकि, एक समय था जब मुंबई इंडियंस ने जेम्स फ्रैंकलिन को सलामी बल्लेबाज का स्लॉट देने का फैसला किया। इसके बाद सभी को आश्चर्य तब और ज्यादा हुआ जब बाएं हाथ के बल्लेबाज ने इस मौका का बखूबी फायदा उठाया। आईपीएल के 2012 सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और सचिन तेंदुलकर के साथ जेम्स फ्रैंकलिन ने पारी की शुरुआत की। बाएं हाथ के बल्लेबाज फ्रैंकलिन ने किंग्स इलेवन की गेंदबाजी का जमकर सामना किया और 51 गेंदों में शानदार 79 रन बना डाले। इसके साथ ही उनके योगदान की बदौलत मुंबई का स्कोर 163 पर पहुंच गया। उन्होंने अपनी इस पारी में 6 चौके और 4 छक्के भी लगाए। हालांकि शॉन मार्श की नाबाद 68 रनों की पारी की बदौलत किंग्स इलेवन पंजाब ने आखिरी में लक्ष्य का पीछा करने में कामयाबी हासिल की। लेखक: सोहम समद्दर अनुवादक: हिमांशु कोठारी