अगले वर्ष इंडियन प्रीमियर लीग में रिटेन रखे जाने वाले खिलाड़ियों का रास्ता साफ़ हो गया है। इंडियन प्रीमियर लीग की गवर्निंग काउंसिल ने बुधवार को इस बारे में घोषणा करते हुए कहा कि एक टीम 5 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है। इसमें प्री-प्लेयर ऑक्शन और राइट टू मैच के तहत खिलाड़ी रिटेन होंगे। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना के वापस चेन्नई सुपर किंग्स में आना भी तय माना जा सकता है।
राइट टू मैच कार्ड का मतलब यह होता है कि खिलाड़ी की बोली लगने पर इस कार्ड की मदद से बोली गई राशि से टीम (अधिकतम 2) खिलाड़ी अपने पास ही रख सकती है। तीन खिलाड़ी सीधे रिटेन किये जा सकेंगे। गवर्निग काउंसिल में सीओए के मेम्बर भी शामिल हुए और टीमों की खर्च राशि बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर बातचीत की गई।
रिटेन करने के इस प्रस्ताव को टीमों के पास भेजा जाएगा और उन्हें इस पर अपना रुख स्पष्ट करना है। जिन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है और आईपीएल में खेल रहे हैं, उनकी फीस भी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा खिलाड़ियों को खरीदने के लिए 66 करोड़ रूपये प्रति टीम के बजट को बढ़ाकर 80 करोड़ रूपये करने पर भी विचार किया गया है।
अगले वर्ष आईपीएल में सैलरी कैप 80 करोड़ रूपये होगा जो 2019 में बढ़कर 82 करोड़ रूपये और 2020 में और बढ़ते हुए 85 करोड़ रूपये तक पहुँच जाएगा। अगर तीन खिलाड़ी रिटेन होंगे, तो उनमें से पहले खिलाड़ी को 15 करोड़, दूसरे को 11 करोड़ और तीसरे को 7 करोड़ रूपये की राशि मिलेगी। दो खिलाड़ियों को ही रिटेन करने पर पहले खिलाड़ी को 12.5 करोड़ और दूसरे को 8.5 करोड़ रूपये की राशि मिलेगी। एक ही खिलाड़ी को यथावत रखे जाने पर अधिकतम 12.5 करोड़ रूपये ही मिल पाएंगे।
राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स की वापसी के बाद 2015 में इन टीमों से खेले गए खिलाड़ी रिटेन की योग्यता में होंगे। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना को चेन्नई में रिटेन कर रखा जा सकेगा। बेन स्टोक्स और एलेक्स हेल्स जैसे खिलाड़ियों को वापस नीलामी की प्रकिया से गुजरना होगा।