नेविल मदजीवा द्वारा किए पारी के बेहतरीन आखिरी ओवर की वजह से भारतीय टीम को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ पहले अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच में शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने मैच के बाद टीम और मदजीवा के बारे में अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने मदजीवा को जबर्दस्त 20वां ओवर करने पर बधाई दी, जबकि अपनी टीम के खिलाड़ियों की आलोचना भी की। उनहोंने कहा कि बल्लेबाजों का शॉट चयन सही नहीं था जबकि गेंदबाजों ने भी सही लेंथ पर गेंद नहीं फेंकी। भारतीय टीम को आखिरी ओवर में जीतने के लिए 8 रन की जरूरत थी और क्रीज़ पर खुद कप्तान धोनी मौजूद थे, लेकिन मदजीवा ने शानदार प्रदर्शन किया और ज़िम्बाब्वे ने 2 रन से मुकाबला जीत लिया। आखिरी गेंद के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, 'मुकाबला गेंद और बल्ले के बीच ही था। मुझे लगता है की आखिरी गेंद शानदार थी।' इसी के साथ धोनी ने टीम इंडिया के लिए खिलाड़ियों को हिदायत दी कि उन्हें इस मौके का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। बक़ौल धोनी, इंडिया ए से भारतीय टीम में पाहुचने के बाद खिलाड़ी पर दबाव बढ़ जाता है। बल्लेबाजों के शॉट सही नहीं थे, ऐसा लगा कि वो खिलाड़ियों को कैच का अभ्यास करा रहे हो। बल्लेबाजों को आगामी मैचों में अपना प्रदर्शन बेहतर करने कि जरूरत है। वहीं, अपनी टीम की गेंदबाजी के बारे में बात करते हुए धोनी ने कहा कि गेंदबाजी विभाग में हम अपनी प्रमुख एकादश के साथ नहीं उतरे थे। गेंदबाजों ने सही लेंथ पर गेंद नहीं कि।