प्रशासकों की समिति द्वारा भारतीय क्रिकेटरों की सैलरी बढ़ाए जाने की सिफारिश मंजूर किए जाने के बाद पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का शीर्ष केंद्रीय अनुबंध खत्म हो सकता है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासकों की समिति तीन ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करके ए प्लस, ए, बी और सी ग्रेड का फॉर्मूला लागू करना चाहती है। नए ग्रेड के मुताबिक जो खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए तीनों प्रारुप टेस्ट, वनडे और टी20 खेल रहे हैं उन्हें ए प्लस कैटेगरी में रखा जाएगा। चुंकि महेंद्र सिंह धोनी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं ऐसे में उनको एक स्थान नीचे ए कैटेगरी में रखा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा रोटेशन पॉलिसी के तहत काफी समय से वनडे और टी20 टीम का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन फिर भी उनको ए प्लस कैटेगरी में ही रखा जाएगा क्योंकि उनकी आईसीसी रैंकिंग अच्छी है। जिन खिलाड़ियों को आराम दिया गया है या फिर जो खिलाड़ी चोट की वजह से नहीं खेल रहे हैं उनके नामों पर भी विचार किया जाएगा। नए गाइडलाइन के मुताबिक देखा जाएगा कि वो किस कैटेगरी के लिए क्वालीफाई करते हैं। आखिरी फैसला लेने से पहले नई गाइडलाइन बीसीसीआई की आर्थिक समिति को सौंपी जाएगी। गौरतलब है 30 नवंबर को प्रशासकों की समिति के साथ भारतीय कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की एक मीटिंग हुई थी। दिल्ली में हुई इस मीटिंग में खिलाड़ियों के वेतन बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी। बैठक के बाद समिति ने वेतन बढ़ाने की सिफारिशों को मंजूर कर लिया था और ये भी आश्वसान दिया था कि जो खिलाड़ी सिर्फ एक ही फॉर्मेट खेल रहे हैं उनके वेतन में भी अच्छी वृद्धि की जाएगी। सीओए की नई गाइडलाइन के बाद अब देखना ये है कि कौन सा खिलाड़ी किस कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत आता है।