आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मुश्किल में आ गए हैं। हजारों लोगों को ठगने के बाद आम्रपाली ग्रुप ने अब धोनी को भी चूना लगा दिया है। धोनी को ब्रैंडिंग और मार्केटिंग करने के बदले कंपनी को 38.95 करोड़ रुपये देने हैं, जिसे देने में वो आनाकानी कर रही है। काफी समय तक भुगतान न मिलने के बाद धोनी ने न्यायालय में गुहार लगाई है। उन्होंने न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में धोनी ने कहा है कि मैं लंबे समय से कंपनी को अपनी सेवाएं दे रहा हूं लेकिन इसके बदले उसने मेरा भुगतान नहीं किया है।
धोनी ने कोर्ट से कहा है कि मेरा आम्रपाली समूह पर 38.95 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें से 22.53 करोड़ रुपये मूलधन है और 16.42 करोड़ रुपये ब्याज होगा। मूलधन के 18 प्रतिशत की सालाना दर ब्याज के रूप में जोड़ी गई है। धोनी ने याचिका में बिल्डर के साथ के एग्रीमेंट की कॉपी भी अटैच की है। 2009 में धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के साथ कई समझौते किए थे और वह कंपनी के ब्रैंड एम्बेसडर बना दिेए गए थे। वह कंपनी के साथ करीब छह साल तक जुड़े रहे। 2016 में जब घर लेने वालों को कंपनी द्वारा ठगा गया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर धोनी के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया। इसके बाद धोनी ने कंपनी से रिश्ता खत्म कर लिया। उनकी पत्नी भी कंपनी के चैरिटी कार्यक्रम से जुड़ी थीं।
फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट इस कंपनी के खिलाफ 46 हजार घर खरीदने वालों की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्हें समय पर फ्लैट नहीं दिए गए हैं। कोर्ट ने कंपनी की सभी संपत्तियों को जब्त करने के आदेश दे दिए हैं। धोनी अपने वित्तीय हित की रक्षा के लिए कोर्ट पहुंचे हैं। धोनी ने कोर्ट से कहा है कि उनके हितों की रक्षा के लिए कंपनी की जमीन में से एक खंड उनके लिए भी निश्चित हो। सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती करते हुए 28 फरवरी को कंपनी के सीएमडी अनिल शर्मा और दो डायरेक्टर्स शिव प्रिय व अजय कुमार को पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
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