भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान एम एस धोनी (MS Dhoni) ने 2011 वर्ल्ड कप को याद करते हुए बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ल्ड कप के दौरान उनकी सबसे बेस्ट फीलिंग क्या रही। धोनी के मुताबिक वर्ल्ड कप जीतना उनकी बेस्ट फीलिंग नहीं थी, बल्कि जब पूरा स्टेडियम एक साथ खड़े होकर वंदे मातरम गा रहा था तो उस लम्हे को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। धोनी ने कहा कि इस चीज को दोबारा रिक्रिएट नहीं किया जा सकता है।
भारतीय टीम को 2011 के वर्ल्ड कप में मिली जीत के 12 साल पूरे हो गए हैं। 2 अप्रैल 2011 को भारतीय टीम ने श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप का टाइटल अपने नाम किया था। एम एस धोनी ने फाइनल मुकाबले में जो छक्का लगाया था वो भारतीय क्रिकेट इतिहास के आइकॉनिक मोमेंट्स में से एक बन गया था।
उस माहौल को अब दोबारा रिक्रिएट करना काफी मुश्किल है - एम एस धोनी
एम एस धोनी ने उस वर्ल्ड कप फाइनल को याद करते हुए बड़ा बयान दिया। चेन्नई में एक इवेंट के दौरान उन्होंने कहा "मेरी बेस्ट फीलिंग जीत से 15-20 मिनट पहले की थी, क्योंकि उस वक्त पूरा स्टेडियम वंदे मातरम गा रहा था। मेरे हिसाब से उस तरह के माहौल को अब दोबारा रिक्रिएट करना काफी मुश्किल है। शायद इस वर्ल्ड कप के दौरान वो चीज हो जाए, क्योंकि इस बार भी भारत में ही वर्ल्ड कप है। लेकिन उस तरह का माहौल दोबारा बनाना काफी मुश्किल है। ऐसा तभी हो सकता है जब 2011 वर्ल्ड कप फाइनल जैसा ही मौका हो और 40, 50 या 60 हजार लोग गा रहे हों। उस वक्त तक मुझे पता चल गया था कि हम मैच जीत जाएंगे और हमारा हारना मुश्किल था।"
आपको बता दें कि जब भारतीय टीम जीत के काफी करीब थी और 11 गेंदों पर सिर्फ 4 रन चाहिए थे, तब धोनी ने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगाकर इतिहास रच दिया था।