भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और भारत को दो बार विश्व विजेता बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों क्रिकेट से दूर चल रहे हैं। विश्वकप 2019 के समाप्त होने के बाद से ही वह लंबी छुट्टी पर हैं और इस कारण से वह पहले न तो वेस्टइंडीज दौरे पर गए और फिर ना ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज खेली। हालांकि क्रिकेट से दूर महेंद्र सिंह धोनी ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने यह खुलासा 2007 में पहले ही टी20 विश्वकप में भारत के चैंपियन बनने को लेकर किया है।
गौरतलब है कि उस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच ग्रुप स्टेज में खेला गया मैच बराबरी पर खत्म हुआ था, जिसके बाद भारत ने बॉल आउट नियम के तहत पाकिस्तान को हरा दिया था। वहीं अब महेंद्र सिंह धोनी ने इसी बात को लेकर बड़ा खुलासा किया है कि आखिर किस तरह से भारतीय टीम ने उस दौरान बॉल आउट जैसे नियम को लेकर तैयारी की थी।
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एमएस धोनी ने बताया, "हम उस दौरान बॉल आउट के साथ ही अपनी प्रैक्टिस की शुरुआत और अंत दोनों ही करते थे। यह पहला मौका था, जब इस तरह की चीज होने वाली थी। हमारे लिए यह एक खेल की तरह बन गया था, हमने यह निर्धारित किया था कि जो खिलाड़ी नेट सेशन के दौरान गेंद से जितनी ज्यादा बार स्टंप को हिट करेगा, उसी गेंदबाज से इस नियम के उत्पन्न होने के समय गेंदबाजी कराई जाएगी। हमने इसके लिए अपने नियमित बेहतरीन गेंदबाजों को नहीं चुना था लेकिन हम तैयार थे।"
एमएस धोनी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि कुछ खिलाड़ियों के जरिए ही वह टूर्नामेंट नहीं जीता जा सकता था, टीम के हर एक खिलाड़ी को बेहतरीन प्रदर्शन करना होता है, जिसका परिणाम हमारे सामने है और हमने 2007 का पहला टी20 विश्वकप जीत लिया था।
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