धोनी ने किया खुलासा, आखिर क्यों न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे

न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वन-डे में चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे महेंद्र सिंह धोनी ने खुलासा करते हुए बताया कि वह टीम की जरुरत से अधिक खुद को अभिव्यक्त करने के लिए ऊपर बल्लेबाजी करने आए थे। मोहाली में खेले गए इस वन-डे में भारत ने 10 गेंद शेष रहते मुकाबला सात विकेट से जीता। भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान ने विराट कोहली की भी जमकर तारीफ की। अक्टूबर 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वन-डे सीरीज के बाद से अर्धशतक नहीं जमाने वाले धोनी ने अजिंक्य रहाणे और रोहित शर्मा के जल्द आउट होने के बाद चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने का बोल्ड फैसला लिया। धोनी को इससे फायदा मिला और उन्होंने विराट कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 151 रन की साझेदारी की। धोनी की 80 रन की पारी की मदद से भारत ने पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल की। विराट ने 154* की मैच विजयी पारी खेली। चौथे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए आने के सवाल का जवाब देते हुए धोनी ने कहा, 'मैंने जो 280 मैच खेले हैं, उनमें से करीब 200 में निचले क्रम पर बल्लेबाजी की। यह एक कारण रहा कि मैं पिच पर स्ट्राइक रोटेट की क्षमता खो रहा था। इसलिए उपरीक्रम पर बल्लेबाजी करने का फैसला किया ताकि खुद को अभिव्यक्त कर सकूं। मेरे लिए इस चरण में यह महत्वपूर्ण हैं।' उन्होंने साथ ही कहा, 'अगर कोई ध्यान दे तो अब मैं टेस्ट नहीं खेलता। निचले क्रम पर मैं परिस्थिति की मांग के मुताबिक बल्लेबाजी करता हूं। चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करके मैं अपने आप को अभिव्यक्त कर सकता हूं। यह टीम से अधिक मेरी जरुरत है। टीम में और भी बल्लेबाज हैं जो चौथे क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं, लेकिन हमें पांचवे, छठे और सातवें क्रम के बल्लेबाजों को विकसित करने की जरुरत है।' बकौल धोनी, 'विराट कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन समेत शीर्ष क्रम के बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं, जिसकी वजह से मुझे ज्यादा ओवर्स बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। मुझे आखिरी एक से डेढ़ घंटे में ज्यादा बल्लेबाजी करने के मौके नहीं मिले। चूंकि इस सत्र में कुछ ही वन-डे होने हैं, लिहाजा मुझे घरेलू क्रिकेट में ही वन-डे क्रिकेट खेलने के मौके मिले।' सीमित ओवरों के कप्तान ने स्वीकार किया कि विराट कोहली के साथ बल्लेबाजी करने से उन्हें मदद मिली। उन्होंने कहा,'विराट के कारण मुझे सोचने का मौका मिला कि ऊपर बल्लेबाजी करके अपने आप को अभिव्यक्त करूं। मैंने बड़े शॉट लगाए। बल्लेबाजी करते समय कुछ ऐसे मौके रहे जब मुझे स्ट्राइक रोटेट करने का ख्याल मन में आया। विराट के साथ बल्लेबाजी करने से काफी मदद मिली। इसका कारण हम दोनों बाउंड्री जमा सकते हैं और तेजी से एक व दो रन चुराना जानते हैं।' विकेटकीपर बल्लेबाज का खुद को उपरीक्रम पर बल्लेबाजी के लिए लाने का फैसला काफी सफल साबित हुआ क्योंकि न सिर्फ उन्होंने रन बनाए बल्कि वन-डे में सर्वाधिक छक्के लगाने के भारतीय बल्लेबाज के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। धोनी से पहले यह रिकॉर्ड महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम दर्ज था। इस बारे में बात करते हुए धोनी ने कहा, 'मुझे रन बनाने की खुशी है। मैं लंबे समय से इस तरह की पारी खेलना चाहता था। मैंने अपने आप को अभिव्यक्त किया। ऐसा पांचवें या छठे नंबर पर बल्लेबाजी करके संभव नहीं था। निचले क्रम पर बल्लेबाजी करने से मेरी बल्लेबाजी पर थोड़ा असर पड़ रहा था।'