आईपीएल (IPL) के पहले सीजन के ऑक्शन के 16 साल पूरे हो चुके हैं। 20 फरवरी 2008 को आईपीएल इतिहास का पहला ऑक्शन हुआ था। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कप्तान एम एस धोनी (MS Dhoni) के लिए पहले आईपीएल ऑक्शन के दौरान सबसे महंगी बोली लगी थी। धोनी ने बताया कि उन्हें ऑक्शन से पहले मार्की प्लेयर बनने के लिए एक मिलियन डॉलर मिल रहे थे लेकिन उन्होंने ऑक्शन में जाने का फैसला किया।
साल 2007 में भारत को पहला टी20 विश्व कप जिताने वाले पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 2008 के आईपीएल में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी थे। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें $1.5 मिलियन में खरीदा था। पहले सीजन में धोनी ने 16 मैचों में 133.54 के स्ट्राइक रेट से कुल 414 रन बनाए थे। भारत को टी20 वर्ल्ड कप जिताने की वजह से धोनी की अहमियत काफी बढ़ गई थी और कई सारी टीमें उन्हें साइन करना चाहती थीं।
मुझे लगा कि ऑक्शन में ज्यादा पैसे मिल सकते हैं - एम एस धोनी
एम एस धोनी ने बताया कि उन्होंने किस तरह से मार्की प्लेयर बनने का ऑफर ठुकराकर ऑक्शन में जाने का फैसला किया था। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान कहा,
शुरुआत में जब पांच मार्की प्लेयरों का ऐलान हुआ था तो उससे पहले मुझे भी एप्रोच किया गया था कि क्या आप इस फ्रेंचाइजी के लिए मार्की खिलाड़ी बनेंगे। मैं उस वक्त इंडियन टीम का कप्तान था और हम 2007 का टी20 वर्ल्ड कप जीत चुके थे। मैंने सोचा कि ऑक्शन के दौरान कम से कम एक मिलियन डॉलर तो जरुर मिलेंगे। इसलिए मैंने कहा कि रिस्क लेते हैं और ऑक्शन में जाते हैं। अगर जो तीन फ्रेंचाइजी (चेन्नई सुपर किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स) जिनके पास मार्की प्लेयर नहीं हैं, उनमें से दो ने भी बाकी टीमों के साथ दिलचस्पी दिखाई तो फिर प्राइस काफी ज्यादा मिल सकता है। इसके बाद सीएसके ने मुझे 1.5 मिलियन डॉलर में खरीद लिया।