विजय हजारे ट्रॉफी में झारखण्ड की कप्तानी करके तरोताजा महसूस कर रहे महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि बहुत जल्दी संन्यास लेने का उनका कोई इरादा नहीं है। हालांकि उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट की कप्तानी से खुद को अलग कर लिया। 35 वर्षीय धोनी ने 2019 विश्वकप से आगे तक खुद के खेलने की योजनाओं के बारे में बताया। एक मोबाइल कम्पनी के इवेंट में बोलते हुए धोनी ने अपनी फिटनेस पर कहा कि वे चोट से परेशान हो सकते हैं क्योंकि यह उनके हाथ में भी नहीं है। वे 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप के बाद तक खेलने को लेकर भरोसेमंद थे। जब 100 फीसदी 2019 विश्वकप खेलने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा "100 फीसदी कुछ नहीं होता। इसका कारण यही है कि अभी हम 2017 में हैं और 2019 अभी दो वर्ष दूर है। दो वर्षों में काफी कुछ बदला जा सकता है, खासकर जब आप 10 वर्ष से अधिक क्रिकेट खेल चुके हों और भारतीय टीम के कार्यक्रम को भी देखें। यह बहुत मुश्किल कार्यक्रम है। उसके बाद आप थोड़े विंटैज कार बन जाते हैं। बहुत कुछ साथ लेकर चलना होता है। जैसे आज मैं हूं, हां मैं आसानी से (2019 विश्वकप) उससे आगे जा सकता हूं।" इस वर्ष के शुरू में महेंद्र सिंह धोनी ने सीमित ओवर क्रिकेट की कप्तानी छोड़ दी थी, इसके बाद सभी प्रारूपों के लिए विराट कोहली को कमान सौंप दी गई। उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ हुए दूसरे वन-डे में धोनी ने शतक जड़ा था और टी20 क्रिकेट में भी अपनी पहली फिफ्टी लगाई थी। इसके अलावा धोनी ने विजय हजारे ट्रॉफी में भी झारखण्ड की ओर से कप्तानी करते हुए बल्ले से जबरदस्त प्रदर्शन किया और टीम को सेमीफाइनल तक लेकर गए। भारतीय टीम की कप्तानी से इस्तीफ़ा देने के बाद धोनी ने काफी फ्री होकर क्रिकेट खेला है जिसकी झलक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दिखाई थी। इसके अलावा आईपीएल में भी उनके बल्ले से दर्शकों को रन बरसने का इन्तजार होगा।