एमसीसी ने क्रिकेट के नियमों में जो भी बदलाव किये हैं, वो अक्टूबर 2017 से लागू कर दिए जाएंगे। इन्हीं नियमों के मुताबिक भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिस गेल को अपने बल्लों में बदलाव करना होगा। गौरतलब है कि ये दोनों बल्लेबाज काफी भारी बल्ले से खेलते हैं और अब उन्हें हल्के बल्लों का प्रयोग करना होगा। नए नियमों के मुताबिक बल्ले की चौड़ाई 108 मिमी, गहराई 67 मिमी और किनारे 40 मिमी मोटे होने चाहिए। महेंद्र सिंह धोनी के बल्ले की मोटाई फिलहाल 45 मिमी है और ये एमसीसी के नियमों के हिसाब से ज्यादा है। इसी वजह से अक्टूबर के बाद धोनी को हल्के बल्ले से खेलता हुआ देखा जा सकेगा। धोनी के अलावा ऑस्ट्रेलिया के ओपनर डेविड वॉर्नर, वेस्टइंडीज के किरोन पोलार्ड और क्रिस गेल के बल्ले के किनारों की मोटाई 50 मिमी है और उन्हें भी अब हल्के बल्ले से ही खेलना होगा। गौर करने वाली बात ये है कि भारतीय टीम में धोनी के अलावा बाकी सभी प्रमुख बल्लेबाजों के बल्ले नए नियम के हिसाब से बिलकुल सही हैं। बल्लों में बदलाव का सुझाव एमसीसी की वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी ने दिया था, जिसमें सौरव गांगुली, कुमार संगकारा और रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज शामिल हैं। अक्टूबर के बाद से प्रोफेशनल मैचों में बल्लों को मापने के बाद ही क्रिकेटरों को इससे खेलने की इजाजत दी जाएगी। एमसीसी ऐसे नियमों को इसलिए ज्यादा बढ़ावा दे रही है ताकि गेंद और बल्ले के बीच बराबर का मुकाबला देखने को मिले। इतना ही नहीं मैदान पर बाउंड्री की लंबाई भी बढ़ाई जाएगी और साथ ही गेंदबाजों के लिए मददगार पिच भी बनाई जा सकती है। धोनी को हालांकि नए बल्ले से खेलने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि उन्हें भारी बल्ले से खेलने की आदत है। इसके अलावा 2019 विश्व कप को देखते हुए धोनी को हल्के बल्ले से खेलने की परिस्थितियों में जल्द ही ढलना होगा। अब देखना है कि अक्टूबर के बाद कैसे धोनी इस चीज़ का सामना करते हैं और उनके खेल में किस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा?