रणजी ट्रॉफी का मौजूदा सत्र झारखंड क्रिकेट टीम के लिए शानदार रहा है। 2004-05 में डेब्यू करने वाली इस टीम ने भारत ने प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया और क्वार्टरफाइनल में हरियाणा को हराकर सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री की। झारखंड ने पहली बार रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस टीम में अनुभवी और युवाओं का अच्छा मिश्रण हैं और अब उसकी नजरें पहली बार फाइनल में प्रवेश करने की होगी। हालांकि इससे पहले सेमीफाइनल में झारखंड को गुजरात को हराना होगा जो मुकाबला 1 जनवरी 2017 से शुरू होगा। पिछले वर्ष क्वार्टरफाइनल से बाहर होने वाली झारखंड ने इस वर्ष बेहतर प्रदर्शन किया और एक कदम आगे बढ़ी। झारखंड को सर्वकालिक महान क्रिकेटरों में से एक महेंद्र सिंह धोनी का साथ मिला, जिन्होंने टीम के मेंटर की भूमिका अदा की। इस सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले इशान किशन और शाहबाज नदीम के मुताबिक 35 वर्षीय धोनी ने टीम की सफलता में बड़ी भूमिका निभाई। शाहबाज नदीम के लिए यह वर्ष शानदार बीता है और वह रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 50 विकेट चटकाए। धोनी के योगदान के बारे में बात करते हुए नदीम ने कहा, 'आपको हमेशा मदद मिलती है जब धोनी भाई जैसे दिग्गज खिलाड़ी आपके साथ हो। उनकी खेल के प्रति गजब की समझ है और मुझे अभी भी याद है कि महाराष्ट्र के खिलाफ पिच हरा था। तब धोनी भाई मेरे पास आए और कहा कि शुरुआत में बल्लेबाज पर नकेल कसके रखूं और फिर अपने मिश्रण का इस्तेमाल करूं। मैंने ऐसा ही किया और आज मेरा नाम सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में शामिल हैं।' नदीम रणजी ट्रॉफी के पिछले सत्र में भी सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। हाल ही में उन्होंने स्वीकार किया था कि वह राष्ट्रीय टीम में चयनित नहीं होने से निराश होते हैं, लेकिन उम्मीद कभी नहीं हारते हैं। जहां नदीम को राष्ट्रीय टीम में मौके का इंतजार है वहीं 18 वर्षीय युवा विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन ने इस वर्ष आक्रामक स्ट्रोक खेलकर क्रिकेट जगत को काफी प्रभावित किया है। धोनी ने किशन की भी काफी मदद की। युवा बल्लेबाज ने कहा, 'धोनी भाई ने नेट्स पर मुझे बल्लेबाजी करते देखा और कहा कि मुझे शुरुआत में आक्रामक शॉट खेलने से बचने की जरुरत है। उनका मानना है कि लंबी पारी खेलने से मुझमें विश्वास बढ़ेगा और मैंने वैसा ही किया। उन्होंने मुझे अपना स्टांस बदलने की सलाह दी और जब धोनी भाई जैसा कोई ऐसी सलाह दे तो आप उन पर यकीन कर सकते हैं।' किशन ने आगे कहा, 'मैंने अपना स्टांस बदला और इस सत्र से पहले नए स्टांस के साथ खेला तो महसूस हुआ कि क्रीज पर अच्छा लग रहा है। मैंने तब से अपना स्टांस बरक़रार रखा है और देख पा रहा हूं कि बल्लेबाजी में काफी बदलाव आ रहा है।' इशान ने विकेटकीपिंग से भी काफी प्रभावित किया है, लेकिन इस सत्र में उनके द्वारा खेली 159*, 273 और 136 रनों की पारी से ज्यादा प्रभाव फैला है। उन्होंने हरियाणा के खिलाफ क्वार्टरफाइनल मैच में 86 रन की तेजतर्रार पारी भी खेली। इशान का मानना है कि धोनी का काफी ध्यान फिटनेस पर रहता है और उनकी इस सलाह से टीम को काफी मदद मिली। उन्होंने कहा, 'धोनी भाई का ज्यादा ध्यान फिटनेस पर रहता है। हम सभी को पता है कि वह अपने फिटनेस स्तर में शीर्ष पर रहना पसंद करते हैं। उन्होंने हमें भी सत्र की शुरुआत से पहले अपनी फिटनेस पर काम करने की सलाह दी। यह ऐसी चीज है जो घरेलू टीमों के बीच काफी आम नहीं है, लेकिन अनुभव बहुत ही शानदार रहा।' उन्होंने आगे कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो हमने अब तक 9 मैच खेले हैं, लेकिन हमें अभी भी ऐसा लगता है कि सत्र की शुरुआत हुई है और इसके लिए हम धोनी भाई के प्रयासों का धन्यवाद देते हैं।' यह स्पष्ट है कि धोनी का टीम के लिए योगदान शानदार रहा है और उम्मीद करते हैं कि झारखंड की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी की विजेता बने।