पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ऐसे क्रिकेटर हैं जो अपना लोहा पूर विश्व में मनावा चुके हैं। लोग उनकी बैटिंग के दिवाने तो हैं ही पर ज्यादातर क्रिकेट फैंस उनकी कप्तानी के दिवाने हैं। हालांकि कुछ समय से धोनी अपने बल्ले से जादू दिखाने में नाकाम रहे हैं जिसके चलते कई क्रिकेट एक्सपर्ट ने उनको घरेलू मैच खेलने की सलाह दी है। इस समय घरेलू क्रिकेट की अगर बात की जाए तो विजय हजारे ट्रॉफी खेली जा रही है जिसमें धोनी खेल सकते थे लेकिन उन्होंने अपने गृह राज्य झारखंड से नहीं खेलने का फैसला किया है।
2017 में टीम के लिए सभी 6 मैच खेलने वाले धोनी ने इस साल एक भी लीग मैच नहीं खेलने का फैसला किया है। ऐसे संकेत जरूर मिले हैं कि 37 वर्षीय धोनी झारखंड के लिए विजय हजारे ट्रॉफी के नॉकआउट चरण में खेल सकते हैं, जिसकी शुरुआत 14 अक्टूबर से होगी।
धोनी पर अब इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का भार कम है क्योंकि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद धोनी वनडे और टी-20 क्रिकेट खेलते हैं। अभी हाल ही में उन्होने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज और फिर एशिया कप में हिस्सा लिया था। एशिया कप के बाद धोनी फ्री हैं, लेकिन इस खाली समय के बावजूद भी दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने का फैसला लिया है, जो बेहद चौकाने वाला फैसला था । झारखंड ने एशिया कप के बाद कुछ मैच जरूर खेले हैं, लेकिन धोनी एक भी मैच में खेलते हुए नजर नहीं आए।
एशिया कप में पूर्व कप्तान ने 124 गेंदों में महज 77 रन बनाए लेकिन ये धोनी की पहचान नही मानी जाती। दरअसल धोनी हमेशा 5 या 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हैं और अक्सर देखा जाता हैं वो पहले 10 से 15 बॉल आराम से खेलते हैं और उसके बाद अपने बल्ले से जादू बिखेरते हैं जो उनके फैंस को बहुत पसंद आती हैं। फैंस उनके बल्ले से हेलिकॉप्टर शॉट निकलते हुए देखना चाहते हैं जो की धोनी की पहचान हैं लेकिन पिछले कुछ श्रृंखला में धोनी की वो धुआंधार पारी नहीं देख पाए हैं।