मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम का नाम जल्द ही बदल सकता है

2011 आईसीसी विश्व कप के फाइनल समेत कई यादगार मैचों की मेजबानी करने वाले प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम का नाम जल्द ही बदल सकता है। चार दशक पुराने हो चुके इस स्टेडियम का नाम बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसके वानखेड़े के नाम पर रखा गया था। अब ऐसी संभावना है कि मैदान में स्पोंसर का नाम जुड़ने वाला है। अगर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और विज्ञापन कंपनी डीडीबी मुद्रा के बीच करार सफल हुआ तो वानखेड़े स्टेडियम का नाम बदलना तय है। एमसीए के अधिकारी ने इस रिपोर्ट की पुष्टि रविवार को टीओआई को करते हुए कहा, 'जी हां हम लोग स्टेडियम को ब्रांड बनाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं, जिसके चलते स्पोंसर का नाम वानखेड़े स्टेडियम के आगे या फिर पीछे जोड़ा जा सकता है। लोढ़ा समिति के सुझावों के लागू होने के बाद राजस्व में बहुत गिरावट आएगी क्योंकि अन्य राज्य एसोसिएशनों को भी राजस्व का वितरण होगा। हमें फंड इकट्ठा करने के लिए कुछ तो करना होगा।' रिपोर्ट के मुताबिक एमसीए अध्यक्ष शरद पवार ने एक एड-होक समिति बनाई है जो इस करार की संभावनाओं पर ध्यान रखेगी। समिति में एमसीए के सीईओ सीएस नाइक और नवीन शेट्टी समेत कई अधिकारी शामिल है जो मार्केटिंग पहलुओं पर नजर रखेंगे। अगर यह करार सफल हुआ तो स्पोंसर का नाम सभी पब्लिक रिलेशन और मार्केटिंग मटेरियल्स पर अंकित होगा। एमसीए को मीडिया और तीसरी पार्टियों को स्टेडियम के नए नाम का इस्तमाल करने के लिए छोटे प्रयास करने होंगे। डीडीबी मुद्रा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल दीपक ने इन बातों का विवरण शरद पवार को लिखे पत्र में की है। दीपक ने पत्र में साथ ही लिखा, 'नाम के अधिकार ऐसा पहलू है जिससे क्रिकेट एसोसिएशन बड़ा राजस्व हासिल कर सकती हैं। यह ऐसा आर्थिक करार जिसमें एक समय तक विज्ञापन कंपनी का नाम हर कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से इस्तमाल किया जाएगा।' उन्होंने आगे लिखा, 'विश्व में ऐसे कई स्टेडियम हैं जिसमें ब्रांड का नाम इस्तमाल किया जाता है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, चीन, फ़िनलैंड, कनाडा, इजराइल और जर्मनी के स्टेडियम में ब्रांड का इस्तमाल किया जाता है। 10 में से 8 फुटबॉल स्टेडियम ने कॉर्पोरेट स्पोंसर्स को नाम वाले अधिकार बेचे हैं। इसका अभ्यास ब्रिटेन में भी चल रहा है। क्रिकेट में सबसे बड़ा उदाहरण द ओवल, सरे क्रिकेट का घर भी है। इतने वर्षों में इसके कई स्पोंसर्स रहे हैं और फिलहाल वह किआ ओवल के नाम से जाना जाता है।'