भारतीय तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल को एक चेक बाउंस के मामले को लेकर दिल्ली की अदालत ने समन जारी किया है। शहर के निवासी सुनील कुमार अग्रवाल की शिकायत पर कोर्ट ने ऐसा किया है। अग्रवाल ने निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की है, इसमें 2011 विश्वकप जीतने वाली टीम के सदस्यों में से एक रहे मुनाफ पटेल भी 7 डायरेक्टरों में शामिल हैं। अग्रवाल ने यह कहा कि फर्म ने उन्हें पिछले महीने 25.50 लाख का चेक दिया था लेकिन वह बाउंस हो गया। इस बारे में संबंधित को लीगल नोटिस देने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया, इसके बाद सुनील कुमार अग्रवाल ने कोर्ट की शरण लेना उचित समझते हुए शिकायत दर्ज कराई। मुनाफ पटेल और अन्य लोगों के समन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा "सभी आरोपित लोगों के खिलाफ समन जारी करने के लिए पर्याप्त रिकॉर्ड है। इसलिए सेक्शन 138 के तहत नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अनुसार उन पर प्रथम दृष्टया सजा का मामला बनता है। इसलिए कोर्ट ने अपराध पर संज्ञान लिया है।" चोटों और अनियमितता से एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर का करियर खराब होने के बाद मुनाफ पटेल ने तीन सीजन के बाद आईपीएल में वापसी की, उन्हें इस दौरान गुजरात लायंस ने 2017 की नीलामी में खरीदा। पटेल ने लम्बे समय बाद क्रिकेट के मैदान पर आने के लिए नीलामी प्रक्रिया में खुद को उपलब्ध बताया। उन्होंने महज 2 मैचों में हिस्सा लेते हुए 1 विकेट झटका। भविष्य में उनके करियर पर भी अनिश्चितता नजर आती है। गौरतलब है कि निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कम्पनी 2012 में बनाई गई, थी यह रियल एस्टेट का कार्य करती है। मुनाफ पटेल ने 1 फरवरी 2014 को डायरेक्टर के रूप में इससे जुड़े थे। 25 लाख से अधिक रूपये का चेक बाउंस होने पर भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं देने के कारण मिस्टर अग्रवाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कोर्ट ने समन जारी कर दिया।