अनुभवी ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह को भारतीय क्रिकेट टीम के शरारती खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उनकी शरारतों का सबसे अधिक शिकार उनके टीम के साथी ही बनते आएं हैं। भज्जी नाम से लोकप्रिय हरभजन सिंह कुछ अनोखा करके टीम के साथियों को हंसाने के लिए प्रख्यात हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मुरली कार्तिक ने हरभजन सिंह की मस्ती के एक किस्से का खुलासा किया, जो 2005 में भारतीय टीम के ज़िम्बाब्वे दौरे के दौरान हुआ था। भारतीय टीम तीन देशों के बीच वन-डे सीरीज में हिस्सा लेने गई थी, जिसमें न्यूज़ीलैंड और ज़िम्बाब्वे भी शामिल थी। कार्तिक को ठीक तरह से याद नहीं था की यह किस्सा कौनसे मैच के बाद हुआ था, जिसमें भारतीय टीम सस्ते में ऑलआउट हो गई थी। जब हमने उस त्रिकोणीय श्रंखला के नतीजों पर गौर किया तो पाया कि भारतीय टीम अपने सबसे पहले मैच मे न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 164 रन पर ढेर हो गई थी, जिसकी बात शायद कार्तिक कर रहे थे। 215 रन के औसत लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखरती गई और एक समय टीम 44 रन पर 8 विकेट गवांकर संकट में थी। वीरेंदर सहवाग (15 रन) को छोड़कर शीर्ष और मध्य क्रम का कोई बल्लेबाज दोहरी संख्या में रन नहीं बना सका तथा भारतीय टीम शर्मनाक हार की दहलीज पर थी। खैर जेपी यादव और इरफान पठान ने 9वें और 10वें क्रम पर जमकर किला लड़ाया तथा भारत को 164 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। भारतीय टीम शर्मनाक हार से बच गई। हालांकि भारतीय टीम 54 रन से मुकाबला हार गई और पूरी टीम हार के बाद बेहद निराश हो गई। हरभजन का ह्यूमर हार से निराश टीम के साथियों के गिरे हुए मनोबल को हरभजन ने एक मज़ाक से ऊपर उठा दिया। कार्तिक ने मशहूर टीवी शो में होस्ट विक्रम सथाये को बताया, 'हम लोग बुरी तरह मैच हारने के बाद उदास होकर बैठे थे। अचानक, भज्जी खड़े होकर सबको कहने लगा की अपने-अपने बल्ले बाहर निकालो और गिनना शुरू करो। हमने अपने बल्ले निकाले। हम 15 लोगों के बीच 110 बल्ले थे। फिर भज्जी ने कहा, 'इतने तो हमने रन नहीं बनाए जितने बल्ले हैं।' हरभजन के इस मज़ाक ने सबके चेहरे पर मुस्कान लौटा दी। कार्तिक ने उस किस्से को याद करते हुए बताया कि मेरे चेहरे पर बड़ी मुस्कान थी। भारतीय टीम ने इसके बाद शेष टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया और फ़ाइनल में जगह भी बनाई, जहां उसे न्यूज़ीलैंड से शिकस्त झेलना पड़ी।