पूर्व भारतीय स्पिनर मुरली कार्तिक ने मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) द्वारा रन आउट के नियमों में किए गए बदलाव का स्वागत किया है। नॉन-स्ट्राइकर एंड पर गेंद फेंके जाने से पहले किए जाने वाले रन आउट को अब खेल भावना के विपरीत नहीं माना जाएगा। कार्तिक ने PTI के साथ बातचीत के दौरान कहा है कि कितने लोग मांकडिंग के लिए गेंदबाज को दोषी ठहराएंगे। हालांकि, उन्हें लगता है कि नॉन-स्ट्राइकर एंड पर गेंद फेंके जाने से पहले बैकअप लेकर बल्लेबाज नाजायज फायदा लेते हैं।
मांकडिंग के द्वारा पांच बार बल्लेबाजों को आउट कर चुके कार्तिक का मानना है कि नियमों में किया गया बदलाव बेहद जरूरी था। उन्होंने कहा,
खेल भावना है, लेकिन मैंने हर बार इस चीज को लेकर बहस की है कि यह खेल भावना का मामला नहीं है। जो लोग इसको बढ़ावा दे रहे थे वही खेल भावना की आड़ ले रहे थे। यह बल्लेबाज ही हैं जो नाजायज फायदा लेते हैं और आप गेंदबाजों को गलत ठहरा रहे हैं।
कार्तिक ने आगे कहा,
मेरी लड़ाई बस यही इतनी है। मैंने हमेशा लोगों से कहा है कि यदि मुझे इजाजत दी गई होती तो मैं सभी 11 बल्लेबाजों को इसी तरह आउट करता। मैंने पांच बार ऐसा किया है, लेकिन कभी भी मुझे समर्थन की कमी नहीं दिखाई दी क्योंकि मैंने हमेशा भरोसा रखा कि यह सही चीज है। यदि कोई अन्य इसमें भरोसा नहीं दिखा रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह सही नहीं है।
MCC ने किए हैं इन नियमों में बदलाव
मांकडिंग द्वारा आउट किए जाने वाले वैध करार देने के अलावा भी एमसीसी ने कुछ और बदलाव किए हैं। कोरोना वायरस आने के बाद से गेंद पर लार के इस्तेमाल पर लगाई गई रोक को आगे भी जारी रखा जाएगा। इसके अलावा कैच आउट होने की दशा में स्ट्राइक लेने के मामले में भी बदलाव किया गया है। अब कैच आउट होने की दशा में नया बल्लेबाज ही स्ट्राइक लेगा और इसमें छोर बदलने की कोई भूमिका नहीं रहने वाली है।