भारतीय ओपनर मुरली विजय ने कहा है कि लम्बे समय तक चले घरेलू सीजन में वे अपने फ्रेक्चर कलाई के साथ ही खेले थे। इसके कारण उनके शॉट्स में कमी आई तथा उनकी बल्लेबाजी भी काफी प्रभावित हुई। उनके अनुसार टीम सबसे पहले है तथा वे दर्द के दौरान ही खेलते रहे।
न्यू इन्डियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए विजय ने कहा "मैं काफी अधिक चोटिल होना नहीं चाहता लेकिन मैं एक फ्रेक्चर कलाई के साथ ही खेला था। यह एक मुश्किल परिस्थिति थी लेकिन टीम हमेशा सबसे पहले होती है।"
इसी क्रम में आगे उन्होंने कहा "मूद्दे से अधिक दिमाग किसी भी चीज से ज्यादा मायने रखता है। मैं फ्री होकर बल्लेबाजी करने में असमर्थ था, मैं खुलकर शॉट्स भी नहीं लगा पा रहा था, जब बल्लेबाजी के लिए जाता था तो आउट हो जाता था, खासकर तेज गेंदबाजी के सामने। फ्रंटफुट पर भी डिफेंड करना मुश्किल था क्योंकि मेरे बोटम हैण्ड में चोट थी।"
गौतलब है कि लम्बी घरेलू सत्र में भारतीय टीम ने 13 टेस्ट मैच खेले थे इनमें तीन न्यूजीलैंड, पांच इंग्लैंड, एक बांग्लादेश और चार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थे। उन सभी मैचों में विजय ने महज टेस्ट में नहीं खेले और यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था, जब विजय को कंधे की चोट के कारण मैच से बाहर होना पड़ा था।
इस सीजन में विजय ने अभूतपूर्व फॉर्म से बल्लेबाजी की थी। उन्होंने चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली के बाद सबसे अधिक रन बनाने के मामले में तीसरा स्थान हासिल किया। 36 से अधिक के औसत से मुरली विजय ने 771 रन बनाए थे, जिसमें 136 रन उनका श्रेष्ठ स्कोर था। इस दौरान उन्होंने तीन शतक जड़े। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई अंतिम सीरीज में उनका बल्ला खामोश ही रहा और उनकी फॉर्म में गिरावट दर्ज की गई।
घरेलू सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद शुरू हुए आईपीएल के दसवें संस्करण में किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ की टीम से वे चोटिल होकर बाहर हो गए थे, इसके बाद किंग्स इलेवन पंजाब को ग्लेन मैक्सवेल के रूप में एक नया कप्तान मिला।
Published 18 Apr 2017, 18:14 IST