श्रीलंका के पूर्व महान ऑफस्पिनर मुथैया मुरलीधरन आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले देश के पहले खिलाड़ी बन जाएंगे। उन्हें इस वर्ष के अंत में आधिकारिक रूप से शामिल कर लिया जाएगा। मुरली के साथ इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्वर्गीय जॉर्ज लोहमन, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ओपनर स्वर्गीय आर्थर मोरिस और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई महिला कप्तान कारेन रोल्टन को भी आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया जाएगा। मुरली के नाम टेस्ट और वन-डे में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1,000 विकेट लेने वाले वह विश्व के दो खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 19 वर्ष का रहा। वह 1992 से 2011 तक खेले। 1880 से 1890 के बीच खेलने वाले लोहमन टेस्ट में 100 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे। उन्होंने मार्च 1896 में अपने करियर के 16वें टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की थी, और उनका यह रिकॉर्ड 120 वर्षों से कायम है। वह 1948 की एशेज के 'इनविंसिबल्स' का भी हिस्सा थे, जहां उन्होंने 87 की औसत से 696 रन बनाए थे। रोल्टन का करियर 1995 से 2009 के बीच शानदार रहा। उन्होंने हेडिंग्ले में 2001 में 209 रन की नाबाद पारी खेली- जो उस समय महिला टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर था। फिर 2005 विश्व कप फाइनल में उन्होंने शतक जमाया। वह 2006 में टीम की कप्तान बनी। आईसीसी के प्रमुख कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा कि इतने लंबे समय के खिलाड़ियों को नाम सूची में शामिल होने से वे बेहद संतुष्ट है। उन्होंने कहा, 'हमारी सूची में विभिन्न युग के बहुत ही लोकप्रिय नाम शामिल है। मुरलीधरन आधुनिक युग के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। लोहमन और मोरिस अपने जमाने के बेहतरीन खिलाड़ी थे जबकि रोल्टन के प्रदर्शन हाल ही में हुए है और वह ऐसे समय किए गए प्रदर्शन है, जब महिला क्रिकेट बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है।'