भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा (Naman Ojha) ने सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। घरेलू क्रिकेट में नमन ओझा 20 सीजन खेले और अब खेल को अलविदा कह दिया। रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शिकार बनाने का रिकॉर्ड नमन ओझा के नाम है। आईपीएल में चमकने के बाद नमन ओझा को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिला।
घरेलू क्रिकेट में निरंतर बेहतर खेलने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका उन्हें ज्यादा नहीं मिला क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम में थे। मध्य प्रदेश के लिए नमन ओझा ने 17 वर्ष की उम्र में डेब्यू किया था। जिम्बाब्वे में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले नमन ओझा को एक वनडे और दो टी20 मैचों में खिलाने के बाद टीम से बाहर कर दिया गया। वह 2010 में भारतीय टीम के लिए खेले थे।
नमन ओझा रणजी ट्रॉफी में रहे सफल
सीमित ओवर क्रिकेट में खेलने के पांच साल बाद ओझा को श्रीलंका में कोलम्बो टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला। टेस्ट क्रिकेट में वह महज एक मुकाबला खेलने में कामयाब हो पाए। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलते हुए नहीं देखा गया। एक टेस्ट में उन्होंने 56 रन बनाए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ओझा ने 9000 से भी ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 471 शिकार उन्होंने विकेट के पीछे किये।
रणजी ट्रॉफी में 7,861 रन के साथ ओझा टूर्नामेंट में आठवें सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में गिने जाते हैं। रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 351 खिलाड़ियों को विकेट के पीछे आउट किया है। टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा किसी अन्य विकेटकीपर ने नहीं किया है। ओझा की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें भारतीय टीम के लिए लम्बा खेलना चाहिए था लेकिन धोनी टीम में थे इसलिए विकेटकीपर की जरूरत टीम में नहीं पड़ी। आईपीएल में भी वह बेहतर खेले।