भारत के स्टार खिलाड़ी हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) और आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) क्वार्टर फाइनल में टीम की हार के बाद हनुमा ने अपने सोशल मीडिया के जरिए एक पत्र साझा किया था। इस पत्र में उन्होंने चौंकाने वाली बात लिखी थी और बताया कि उनके टीम के एक खिलाड़ी जिनके पिता राजनीति में हैं उन्होंने बोर्ड पर मुझे कप्तानी से हटाए जाने का दवाब बनाया। अब इस मामले पर आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।
आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन ने हनुमा विहारी मामले में प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि ‘आंध्र टीम मैनेजर्स के पास हनुमा को लेकर कई शिकायतें मिली थी। यह हमारी जानकारी में लाया गया था कि विहारी ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान अपने साथी खिलाड़ियों के साथ अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया और उनसे दुर्व्यवहार किया था। इसके अलावा एक अन्य खिलाड़ी केएन पृथ्वी राज जो आंध्र टीम के 17वें सदस्य हैं। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के दौरान हनुमा विहारी के दुर्व्यवहार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यह घटना बंगाल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के मुकाबले के दौरान हुई थी।
एसीए ने आगे कहा कि ‘हनुमा विहारी के व्यवहार के कारण टीम के अंदर विभाजन की स्थिति बन गई थी। जिसके बाद एसोसिएशन ने यह साफ कर दिया कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएंगे जिससे पूरा सच सामने आ सके। इसके अलावा विहारी को कप्तानी से हटाने का फैसला स्वतंत्र चयन समिति ने आंतरिक चर्चा और कई बातों को सोचकर लिया था। इसमें एसोसिएशन ने किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया।’
एसीए ने हनुमा विहारी मामले में आगे कहा कि ‘एसीए सीनियर चयन समिति के अध्यध वीसीरेड्डी चंद्रमौली प्रसाद चौधरी ने हनुमा विहारी के व्यवहार के संबंध की शिकायतों को देखते हुए एसीए को नए कप्तान की सिफारिश करते हुए एक ईमेल भेजा था। इसके जवाब में विहारी ने भी एसीए को ईमेल भेजा था और उन्होंने चयन समिति द्वारा किए गए निर्णय का पूर्ण अनुपालन करने की बात कही थी।’