अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagwaswalla) प्रथम श्रेणी क्रिकेट में गुजरात के एक शानदार गेंदबाज हैं, जिन्होंने सिर्फ 25 मैचों में 24.5 की औसत से 97 विकेट लिए हैं। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह बाएं हाथ के वैसे तेज गेंदबाज हो सकते हैं, जिसकी भारत को टेस्ट फॉर्मेट में काफी लंबे वक़्त से तलाश है।
नागवासवाला एक सहायक गेंदबाज के रूप में भारतीय टीम के साथ रह चुके हैं, लिहाजा वह चयनकर्ताओं के रडार पर भी हैं। वह 2022/23 में एक अच्छे रणजी ट्रॉफी सीज़न के लिए उत्साहित थे, लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही था।
गुजराती गेंदबाज ने बताई चोट से वापसी की कहानी
बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने त्रिपुरा के खिलाफ सिर्फ एक ही मैच खेला, और फिर उनकी कोहनी में चोट लग गई और वह बाकी पूरे रणजी सीजन से बाहर हो गए। स्पोर्ट्सकीड़ा से खास बातचीत करते हुए, अर्जन नागवासवाला ने बताया कि उनके लिए इस झटके से निपटना कितना मुश्किल था और उन्होंने खुद को मजबूत वापसी के लिए कैसे प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि,
"यह मेरे करियर का निराशाजनक दौर था क्योंकि मैंने सफेद गेंद वाले घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया था और मुझे विश्वास था कि मैं रणजी ट्रॉफी में भी अच्छा प्रदर्शन करूंगा। मेरे जैसे खिलाड़ी के लिए, रणजी ट्रॉफी सच में काफी महत्वपूर्ण है।"
घरेलू क्रिकेटर के जीवन में रणजी ट्रॉफी का महत्व बताते हुए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने आगे कहा कि,
"हम जो भी बात करते हैं, वह अंततः रणजी ट्रॉफी के साथ समाप्त हो जाती है, और हमारी दुनिया इसके चारों ओर घूमती है। ऐसे में सिर्फ एक मैच खेलने के बाद इसे मिस करना बहुत परेशान करने वाली बात थी।"
उन्होंने आगे कहा कि,
"किसी के लिए भी निराश होना स्वाभाविक है। लेकिन एकमात्र सकारात्मक बात यह थी कि मैंने तुरंत स्वीकार कर लिया कि मेरा सीजन खत्म हो गया है। मैंने खुद को समझाया कि अगर मैं सही से रिहैब नहीं करूंगा, तो मैं अगला सीजन भी गंवा सकता हूं।इसलिए मैंने इस बारे में ज्यादा सोचे बिना कि मैं आगे कब खेलूंगा, खुद को ठीक करने की प्रक्रिया का पालन किया। शुक्र है कि इससे मुझे मानसिक रूप से मदद मिली क्योंकि मैं लगभग छह महीने तक घायल रहा था।"