भारतीय क्रिकेटरोंं में बढ़ते चोट के मुद्दे को संबोधित करने के लिए, बीसीसीआई (BCCI) ने एक सक्रिय कदम उठाया है। इसके तहत बोर्ड ने अपनी सभी राज्य इकाइयों से स्वयं के स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच तथा खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा टीमों को नियुक्त करने को कहा है।
बीसीसीआई की शनिवार को यहां विशेष आम बैठक (एसजीएम) में फैसला किया गया कि प्रत्येक राज्य इकाई के पास ‘स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग’ कोच होंगे जिनका साक्षात्कार राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का एक पैनल करेगा।
खिलाड़ियों के चोट संबंधी समस्याओं के लिए यह पहल महत्वपूर्ण- जय शाह
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इस पहल की महत्वपूर्णता पर जोर दिया है जो खिलाड़ियों के द्वारा सामने आने वाले चोट संबंधी समस्याओं को संबोधित करती है। भारतीय क्रिकेटरों, विशेष रूप से तेज गेंदबाज़ों, को हाल के समय में चोटों की दिक्कत से जूझना पड़ा है, जिससे बैंगलोर में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में उनकी रिहैबिलिटेशन की अवधि बढ़ गई है। शाह ने एसजीएम की बैठक में बोलते हुए कहा,
खिलाड़ियों की चोटों की चिंताओं को संबोधित करने के लिए, हमने एक संरचना बनाई है जहां हर राज्य संघ एक स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच और एक खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा टीम नियुक्त करेगा। उम्मीदवारों को एनसीए पैनल द्वारा साक्षात्कार किया जाएगा।
शाह ने यह भी बताया कि जुलाई में बांगलादेश की आने वाली लिमिटेड-ओवर्स यात्रा से पहले भारतीय महिला टीम के लिए एक हेड कोच की नियुक्त कर दी जाएगी। इस यात्रा में तीन वनडे और तीन टी20 आई शामिल होंगे।
महिला टीम के हेड कोच के लिए पहले से ही शॉर्टलिस्ट तैयार कर ली गई है। क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) बैठकर इसका निर्णय लेगी। हमें बांगलादेश सीरीज से पहले ही महिला टीम के लिए नए हेड कोच मिलने की संभावना है।
बता दें कि भारतीय महिला टीम के हेड कोच का पद दिसंबर 2022 से खाली है। इस पद को दिसंबर 2022 तक भारत के पूर्व स्पिनर रमेश पवार ने संभाला हुआ था।