भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के फ्रंट जर्सी स्पॉन्सर के लिए बीसीसीआई (BCCI) ने अपनी प्रक्रिया आरंभ कर दी है। गुरुवार को, बीसीसीआई ने इच्छुक व्यापारिक संस्थाओं से निविदा आवेदन आमंत्रित किए हैं। हालांकि, नया सौदा भारत बनाम वेस्टइंडीज (West Indies Cricket Team) सीरीज़ तक पूरा होने की कम संभावना है।
ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद BYJU'S ने बीसीसीआई से अपना करार खत्म कर लिया था, जिसके बाद से टीम बिना टाइटल स्पॉन्सर के खेल रही है। पिछली बार, BYJU'S ने 5 वर्ष के प्रायोजन सौदे को पूरा करने के लिए 35 मिलियन डॉलर दिए थे, मगर अपनी ब्रांडिंग में कटौती कर चुकी BYJU'S ने इस स्पॉन्सरसिप करार को बीच में ही छोड़ दिया। इससे पहले पेटीएम ने भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड को झटका देते हुए अपने करार को पहले ही खत्म करते हुए अपने अधिकारों को मास्टरकार्ड को सौंप दिया था।
जय शाह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी सूचना
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने स्पॉन्सरशिप को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए एक सूचना दी और कहा,
बीसीसीआई मान्यता प्राप्त संस्थाओं से राष्ट्रीय टीम के प्रमुख स्पॉन्सर अधिकार प्राप्त करने के लिए बोली आमंत्रित करती है। यदि कोई रुचि रखने वाली पार्टी बोली सबमिट करना चाहती है, तो उसे आईटीटी खरीदना आवश्यक होगा। हालांकि, केवल उन लोगों को बोली देने के पात्र माना जाएगा जो आईटीटी में स्पष्ट की गई पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं और उसमें निर्धारित अन्य नियम और शर्तों के अधीन होते हैं। स्पष्ट किया जाता है कि केवल आईटीटी खरीदने से किसी व्यक्ति को बोली देने का अधिकार नहीं होता है।
बोली दस्तावेज को खरीदने के लिए गैर-वापसीय शुल्क 5 लाख रूपये है। इसकी खरीद की अंतिम तिथि 26 जून है।
बता दें कि बीसीसीआई हाल ही में एडिडास को किट स्पॉन्सर के रूप में शामिल किया है, जिसने 5 साल के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये अदा किये हैं। एडिडास पांच वर्षों के लिए प्रति मैच 75 लाख रुपये देगा।