इस साल के आखिर में हांग्झू में एशियन गेम्स (Asian Games) खेला जाना है और इसमें क्रिकेट की वापसी होने वाली है। हालांकि, इस इवेंट में क्रिकेट के सबसे बड़े देशों में से एक भारत के हिस्सा लेने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। लोगों ने पहले से ही उम्मीद की थी कि 16 अक्टूबर से होने वाले टी-20 विश्व कप (T20 World Cup) से पहले पुरुष टीम सितंबर में इस इवेंट में हिस्सा लेकर खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा नहीं लेने वाली है।
हालांकि, अब महिला टीम के भी इसमें हिस्सा लेने पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। महिला टीम को जुलाई-अगस्त में कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में भी हिस्सा लेना है।
बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह ने Reuters से कहा, हांग्झू में होने वाले एशियन गेम्स की बात करें तो पुरुष और महिला दोनों टीमों को भेजने का अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा और यह देखा जाएगा कि पहले से हम किन-किन जगहों पर व्यस्त हैं।
भारतीय महिला टीम को उसी समयावधि में तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा करना है। भारतीय टीम की मेजबानी करना हर देश के लिए फायदे का सौदा होता है और शाह का कहना है कि कोरोना के बाद के समय में द्विपक्षीय सीरीज को हमेशा प्राथमिकता दी जाएगी।
ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के लिए आईसीसी के साथ प्रयास कर रहे हैं शाह
जिस तरह से एशियन गेम्स को लेकर दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड का रवैया दिखा है उसके बाद से खेल को ओलंपिक में शामिल करने पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि, यदि बोर्ड ने अपने रवैए में थोड़ा भी बदलाव किया तो इससे 2028 में होने वाले ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट को शामिल करने के लिए तेजी से प्रयास किया जा सकता है।
शाह ने भी साफ कर दिया है कि ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल कराने के लिए फिलहाल आईसीसी और बीसीसीआई का रुख एक जैसा ही है और दोनों को भरोसा है कि इस निर्णय से खेल को बढ़ावा मिलेगा।